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Updated on: 13 April, 2020 11:28 AM IST

जहां एक तरफ देश के किसानों को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल नुकसान हुआ है वहीं दूसरी तरफ देश में लगे 21 दिन के लॉकडाउन के कारण किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना का प्रकोप उस समय अधिक तूल पकड़ा जब किसानों की रबी फसल पककर तैयार हो चुकी है. इस लॉकडाउन में सरकार एक तरफ कह रही है कि देश के पालनहार को कृषि कार्य करने के लिए छूट है, वहीं दूसरी तरफ नए-नए नियम लागू कर रही है जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ रही है.

राजस्थान सरकार ने दूसरे प्रदेश से आने वाले कृषि यंत्र को जांच कर प्रदेश में आने की अनुमति दे रही है. कृषि यंत्र जैसे ही किसी जिले में प्रवेश करते हैं तो उनके लिए जिले के कृषि उपनिदेशक से ऑनलाइन अनुमति लेनी पड़ती है जिससे किसान खेत में कृषि मशीन से कटाई करें. इतना ही नहीं, देश के दूसरे सबसे बड़ी जनसंख्या वाले प्रदेश बिहार की बात करें तो यहां अब हार्वेस्टर मालिकों के फिलहाल पसीने छूट रहे हैं. ये हार्वेस्टर चालक दूसरे प्रदेश से हजारों रुपए खर्च कर बिहार के विभिन्न जिलों में पहुंचे हैं. अब सरकार ने इन सभी चालकों को 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रखने का आदेश दे दिया है.

बता दें, फिलहाल उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. उनकी क्वारंटाइन की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग पूरा अप्रैल बीत जाएगा.  इसी समस्या को सोचकर किसानों और हार्वेस्टर मालिकों के पसीने छूट रहे हैं. वहीं हाथ से कटाई की बात करें तो अभी काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे है, अगर मिल भी रहे हैं तो दोगुना पैसों की मांग कर रहे हैं. ऐसे में किसानों के सामने गम्भीर समस्या उतपन्न हो गई है कि गेंहू की कटाई के लिए कौन सा उपाय अपनाएं. दूसरी तरफ किसानों की फसल पककर ख़राब हो चुकी है. अगर सरकार ऐसे ही हर दिन फैसला बदलती रही और नए-नए नियम लाती रही तो किसान बर्बादी की कगार पर आ सकते हैं.

English Summary: Farmers on the verge of ruin due to the changing decision of the governmenter changing decision of the government
Published on: 13 April 2020, 11:30 AM IST

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