Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 5 May, 2020 11:12 AM IST
Paddy Farming

हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से बात की थी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा मुख्यमंत्री का किसानों से संवाद करने का मुख्य उद्देश्य कोरोना महामारी के चलते देश में लगे लॉकडाउन से उनकी किसानी में आ रही समस्याओं को जानना था.

इस दौरान ही मुख्यमंत्री ने किसानों को अवगत कराया था कि प्रदेश में जल संरक्षण बहुत जरूरी है. उन्होंने किसानों से अपील की थी कि इस बार प्रदेश के किसान धान की खेती न करें. अब इसमें एक नया अपडेट आया है कि हरियाणा सरकार ने सात जिलों में पट्टे वाली जमीन पर धान की खेती करने से मना कर दिया है. सरकार ने यह फैसला भूमिगत जलस्तर में आ रही लगातार कमी के कारण लिया है. बता दें, राज्य में पिछले करीब पांच वर्षों के दौरान औसतन 2.20 मीटर पानी का स्तर नीचे चला गया है.

धान की पैदावार पर रोक लगा दी (Paddy cultivation banned)

इस साल सरकार ने ‘जल ही जीवन है’ मिशन पर और सख्ती करते हुए पट्टे वाले किसानों पर शिकंजा कसा है. बता दें कि सरकार ने पट्टे वाली जमीन पर किसानों को धान की खेती करने से साफ़ मना कर दिया है. विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव द्वारा करनाल, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर व सोनीपत जिलों के उपायुक्तों, डीडीपीओ तथा बीडीपीओ के नाम एक पत्र जारी किया है, जिसमें साफ़ लिखा है कि हरियाणा के उपरोक्त सात जिलों में पट्टे पर जमीन लेकर धान की पैदावार पर रोक लगा दी है.

जलस्तर में गिरावट की वजह से 2019 में शुरू किया गया जल ही जीवन हैमिशन (“Jal hi Jeevan Hai” mission launched in 2019 due to fall in water level)

कई जिले तो ऐसे हैं जहां भूमिगत जल स्तर पांच मीटर से नीचे जा चुका है. हरियाणा में भूमिगत जलस्तर में बहुत तेजी से गिरावट आ रही है, यही कारण है कि सरकार ने पिछले साल ही जल ही जीवन है मिशन शुरू किया था.

फसल विविधिकरण पायलट प्रोजेक्ट हुआ था शुरू (Crop diversification pilot project was started)

इसके आलावा सरकार ने धान बाहुल्य जिलों में किसानों के लिए फसल विविधिकरण पायलट प्रोजेक्ट चालू किया था.

बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट तहत मक्का, अरहर, तिल, ग्रीष्म मूंग, कपास, तिल आदि फसलों की पैदावार को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है.

ऐसी ही कृषि सम्बंधित जानकारियां पाने के लिए जुड़े रहें हमारी कृषि जागरण हिंदी वेबसाइट के साथ...

English Summary: Farmers of this state will not be able to cultivate paddy on leased land
Published on: 05 May 2020, 11:12 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now