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Updated on: 9 May, 2020 1:44 PM IST

कोरोना के कहर को देखते हुए पंजाब-हरियाणा से लाखों मजदूर पहले ही अपने राज्यों में पलायन कर चुके हैं. रही-सही कसर यातायात पर पाबंदी और लॉकडाउन ने पूरी कर दी है, ऐसे में किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.

पंजाब हरियाणा में इस समय फिलहाल ना तो किसानों को ट्रांसपोर्ट मिल रहे हैं और ना ही मजदूर. अगर किसी तरह फल-सब्जियां मंडियों तक पहुंच भी रही है, तो वहां ग्राहकों की भीड़ न के बराबर ही है. व्यापारियों ने भी खेतों में आकर सब्जियां खरीदना बंद कर दिया है.

सबसे बड़ी दिक्कत तो यही है कि टैम्पो, ट्रैक्टर वालों को पुलिस कहीं आने-जाने नहीं दे रही. क्रय केंद्रों पर गेहूं आदि उपज को लेकर जाना या उनके लिए पर्ची बनवाना लॉकडाउन में आसान नहीं है. बाजार नहीं लगने के कारण सीमांत किसानों पर आफत आन पड़ी है.

फसल कटाई में हो रही है दिक्कत

ध्यान रहे कि सब्जियों की तुड़ाई-कटाई और खुदाई के लिए हरियाणा-पंजाब के किसान प्रवासी मजदूरों का सहारा लेते हैं. लेकिन अब लॉकडाउन के कारण श्रमिकों का अभाव उन्हें खलने लगा है. किसी तरह अगर फसलों की तुड़ाई-कटाई हो भी जाती है, तो उन्हें ट्रक या ट्रैक्टरों में भरने के लिए मजदूर नहीं है.

पशुपालकों को भी हो रही है दिक्कत

पशुओं के रखरखाव और देखभाल के लिए भी इस समय लोगों की कमी पड़ रही है. दुकानों के बंद होने के कारण चारे और दवाईयों की समस्या बनी हुई है. उचित चारे के अभाव में दूध उत्पादन पर फर्क पड़ रहा है, बाकि जितना दूध हो भी रहा है वो मांग न होने के कारण बाजार में बिक नहीं रहा.

लॉकडाउन के बढ़ने से होगी परेशानी

लॉकडाउन अगर इसी तरह चलता रहा तो न सिर्फ पंजाब-हरियाणा बल्कि देश भर के किसानों को नुकसान होगा. आने वाले समय में फल-सब्जियों के दाम महंगें होंगें.

English Summary: farmers of punjab and haryana facing problems due to lack of labors
Published on: 09 May 2020, 02:02 PM IST

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