नए साल के पहले दिन किसानों को सरकार ने खुशखबरी दी है. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) को वर्ष 2025-26 तक विस्तार देने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 824.77 करोड़ रुपये का एक अलग कोष भी बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया.
बता दें कि भारत सरकार ने नए साल के मौके पर किसानों को डीएपी खाद की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देने का भी फैसला किया है.
किसानों के लिए बड़ा कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे किसानों के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया. उन्होंने कहा, “नए वर्ष का पहला निर्णय हमारे देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है. हमने फसल बीमा के लिए आवंटन बढ़ाने को मंजूरी दी है. इससे अन्नदाताओं की फसलों को और ज्यादा सुरक्षा मिलेगी और उनकी चिंता कम होगी.”
फसल बीमा का दायरा बढ़ा
सरकार ने फसल बीमा योजना/Fasal Bima Yojana का दायरा बढ़ाकर 4 करोड़ और किसानों को इसमें शामिल करने का फैसला किया है. इससे अधिक किसानों को फसल नुकसान के समय आर्थिक सहायता मिल सकेगी. इन योजनाओं के लिए 69,515 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह 2020-21 से 2024-25 के लिए निर्धारित 66,550 करोड़ रुपये से अधिक है.
डीएपी उर्वरक पर मिलेगी सब्सिडी
डीएपी खाद की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देने का भी फैसला किया है. इससे किसानों को 50 किलो का डीएपी बैग 1,350 रुपये में मिलता रहेगा. यदि यह सब्सिडी नहीं दी जाती, तो बैग की कीमत 1,525 रुपये तक पहुंच जाती. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह निर्णय किसानों को राहत देने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की बढ़ती कीमतों का बोझ कम करने के लिए लिया गया है.
तकनीकी नवाचार का उपयोग
सरकार ने फसल बीमा योजनाओं में तकनीकी नवाचार के लिए 824.77 करोड़ रुपये का कोष बनाया है. इसके तहत "यस-टेक" और "विंड्स" जैसे तकनीकी पहल लागू की जाएंगी.
- यस-टेक: यह उपज अनुमान प्रणाली है, जो रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करती है.
- विंड्स: यह स्वचालित मौसम स्टेशन और पंचायत स्तर पर स्वचालित वर्षा गेज स्थापित करने की योजना है.
पूर्वोत्तर राज्यों को विशेष प्राथमिकता
पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई है. यहां केंद्र सरकार प्रीमियम सब्सिडी का 90 प्रतिशत साझा करती है. 2024-25 को विंड्स के कार्यान्वयन का पहला वर्ष माना गया है.
योजना के लाभ
पीएमएफबीवाई देश की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है, जो फसल के नुकसान या क्षति से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है. इसमें:
- पीएमएफबीवाई: उपज जोखिम को कवर करता है.
- आरडब्ल्यूबीसीआईएस: मौसम आधारित जोखिमों पर केंद्रित है.
सरकार ने कहा कि योजनाओं को किसानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन योजनाओं को लागू कर रहे हैं. इस निर्णय से सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता और उनकी समस्याओं को सुलझाने की दिशा में किए जा रहे प्रयास स्पष्ट होते हैं. यह कदम भारतीय कृषि और किसानों के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा.