जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि क्षेत्र को आधुनिक टेक्नोलॉजी की जरूरत के साथ-साथ, उन्नत बीजों की भी दरकार है. नकली बीजों और मिलावटी कीटनाशकों के चलते किसानों की आर्थिक व्यवस्था बहुत खराब है. कानूनी खामियों का फायदा उठाने वाली झूठी बीज कंपनियों और कीटनाशक बनाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने नया अधिनियम की योजना तैयार की है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भारत के किसान भाईयों की आय को दोगुना करने के लिए और कुपोषण जैसी समस्याओं से निपटने के लिए प्रोटीन, आयरन, जस्ता और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर विभिन्न प्रकार के फसलों के लिए बीज तैयार किया है.
बीते दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जिस प्रकार हमारे देश की अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से गडबड़ा गई है, उसको सुधारने के लिए एवं किसानों के लिए उत्साह बढ़ाने वाली कई योजनाओं की घोषणा की गई है. साथ ही ये भी कहा है कि आईसीएआर का ध्यान पहले अधिक उत्पादन वाले फसल की किस्मों पर था, उन्होंने फसल के पोषण, और जलवायु जैसी समस्या से निपटने पर कभी ध्यान नहीं दिया. उन फसलों की किस्मों में महत्वपूर्ण पोषक तत्व कम मात्रा में पाये जाते थे साथ ही फसल कीटों विषाणु तथा तेज धूप, हवा जैसी चीजों से तुरंत प्रभावित हो जाते थे.
फसलों की 21 किस्में राष्ट्र को प्रदान की जाएंगी-
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आईसीएआर ने ऐसी फसलों की किस्में तैयार की हैं, जोकि प्रोटीन, आयरन, जस्ता और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में है. . उन्होंने कहा, ‘‘ये बीज फसलों में होने वाले रोग, कीटों, सूखा, लवणता और बाढ़ को झेलने में परिपक्व हैं और ये जल्दी तैयार होते हैं. बता दें कि चावल, मटर, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, अरहर और ज्वार समेत अन्य कई फसलों की 21 ऐसी किस्में देश को प्रदान की जाएंगी.’
पूर्वोत्तर के किसानों के लिए बड़ा ऐलान-
वित्त मंत्री ने प्रोत्साहन पैकेज के आधार पर पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) के लिए 77.45 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज ऐलान किया है, ताकि क्षेत्र के किसानों को उनकी अपनी मेहनत की उपज का अच्छा मूल्य मिल सके. बता दें कि इस निगम की रचना 1982 में हुई थी जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर में किसानों को कृषि-बागवानी एंव उत्पादों के लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता करने के किया गया था.
एनईआरएएमएसी संस्था का उद्देश्य देश में कृषि, खरीद, प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है. देश में कुल 75 किसान उत्पादक संगठन/किसान उत्पादक कंपनियां है जिनका एनईआरएएमएसी के पास पंजीकृत हैं.
एजेंटों से मिलेगी मुक्ति-
एनईआरएएमएसी ने किसानों को 1015 फीसदी अधिक कीमत देने के लिए व्यापार योजना बनाई है, इसमें उन्हें किसी एजेंट की सहायता की जरुरत नहीं पड़ेगी.