हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए राज्य सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है. हिमाचल सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक पहल की शुरूआत की है. इसके लिए राज्य सरकार ने एक योजना भी तैयार कर ली है. यह स्कीम ऊना जिले में आलू प्रोसेसिंग प्लांट/Potato Processing Plant Setup लगाने की है. मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार की इस पहल को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्लांट पर करीब 20 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. यह प्लांट मुख्य रूप से आलू से फ्लेक्स (Potato Flakes) जैसे वैल्यू एडेड उत्पाद बनाने पर केंद्रित होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना से हिमाचल प्रदेश के किसानों को आलू के बेहतर दाम मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. साथ ही, यह प्लांट राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा. ऐसे में आइए हिमाचल प्रदेश सरकार की इस पहल के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
प्लांट की विशेषताएं
- न्यूनतम प्रोसेसिंग क्षमता: 500 किलोग्राम प्रति घंटा
- फोकस: आलू से फ्लेक्स और अन्य उत्पादों का उत्पादन
- लागत: 20 करोड़ रुपये
आर्थिक और सामाजिक लाभ
इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू का कहना है कि इस प्लांट की स्थापना से आलू की खेती/Himachal Pradesh Potato Farming करने वाले किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा. इशके अलावा इससे कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी देखने को मिलेगी.
आलू उत्पादन में हिमाचल की स्थिति
- राज्य में आलू की खेती कुल सब्जी उत्पादन का 20 प्रतिशत तक योगदान है.
- हिमाचल में 16,960 हेक्टेयर जमीन पर आलू की खेती होती है, जिससे 2,38,317 टन आलू का उत्पादन होता है.
- ऊना जिला, जहां यह प्लांट स्थापित होगा, दोनों मौसम (शरद ऋतु और बसंत) में 3,400 हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 54,200 टन आलू का उत्पादन करता है.
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किसानों को स्थिरता मिलेगी
सुक्खू ने कहा कि यह प्लांट किसानों की आय को स्थिर करने में मदद करेगा. आलू से फ्लेक्स जैसे उत्पाद बनाने से बाजार में मूल्य में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम किया जा सकेगा और किसानों की आय में भी तेजी से बढ़ोतरी होगी. इसे राज्य के किसान सशक्त बनेंगे.