कहते हैं जीवन में लक्ष्य तय करना बहुत जरूरी होता है, ताकि हम उस पर पूरा ध्यान केंद्रित कर उसे हासिल सकें. यह ठीक उसी प्रकार है जब महाभारत काल में अर्जुन को लक्ष्य को देखकर मछली की आंख पर अपने बाण से निशाना साधा और अपना लक्ष्य पूर्ण करने में सक्षम रहे. ऐसे ही हमारे आस-पास कई लोग हैं जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प के चलते कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं. ऐसे ही आज हम एक किसान की बेटी की कहानी साझा करने जा रहे हैं, जो MPPSC सिविल जज परीक्षा पास करने के बाद जज बनीं हैं.
MPPSC सिविल जज परीक्षा की पास
मध्य प्रदेश की रहने वाली निशा कुशवाहा ने हाल ही में MPPSC सिविल जज की परीक्षा पास की है. निशा कुशवाहा गरीब परिवार से हैं, उनके पिता दीनचर्या के लिए खेती करते हैं. आर्थिर स्थिति कुछ खास नहीं थी, बावजूद इन विपरीत परिस्थितियों का सामना कर उन्होंने यह पद हासिल किया है.
किसान की बेटी है निशा कुशवाहा
निशा कुशवाहा मध्यप्रदेश के बुरहानपुर की रहने वाली है. उनके पिता एक किसान हैं और उनके पास केलव 2 एकड़ ही जमीन है. पिता को अपने 5 बच्चों का पालन पोषण और शिक्षित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा. आर्थिक स्थिति खस्ता होने के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिसके बाद उनकी दूसरी बेटी ने जज बनकर परिवार का सिर गर्व से उंचा कर दिया.
निशा रह चुकी है गोल्ड मेडलिस्ट
निशा कुशवाहा ने अपनी 12वीं की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल से की, उसके बाद सेवा सदन महाविद्यालय से B.com की डिग्री हासिल की. स्नातक के बाद उन्होंने सेवा सदन लॉ कॉलेज से LLB की पढ़ाई पूरी की. इसके अलावा उन्हें देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी से स्वर्ण पदक भी मिल चुका है.
बता दें कि निशा के पिता का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पढ़ाई पूरी करने में काफी सहायता मिली.
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अपने कुल का नाम किया रोशन
मध्य प्रदेश सिविल जज की परीक्षा पास करने के बाद वह बुरहानपुर और माली समाज का नाम खूब रोशन कर रही हैं. लोगों की बीच उनकी कहनी खूब चर्चा का विषय बन रही है. यकीकन निशा की सफतला की कहानी कई पूरे भारत के लिए प्रेरणा है.