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Updated on: 19 January, 2024 3:45 PM IST
गेहूं की खेती करने वाले किसान हो जाएं सतर्क!

Wheat Production: अल नीनो के प्रभाव के कारण इस बार सर्दी कम पड़ी है. मौसम वैज्ञानिक गर्मी जल्दी शुरू होने की संभावना जता रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फरवरी माह से गर्मी की शुरुआत हो जाएगी. इसका सीधा असर रबी फसलों पर पड़ेगा. खासकर गेहूं की फसल इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होगी. ऐसे में गेहूं का उत्पादन कम होने की संभावना बढ़ गई है. इधर दूसरी ओर पिछले दो वर्ष के दौरान सरकार के पास गेहूं का बफर स्टॉक घट गया है.

यही कारण है कि सरकार अभी से गेहूं की अधिक खरीदी को लेकर सतर्क हो गई है. इस संबंद में केंद्र सरकार ने देश के गेहूं उत्पादक राज्यों को गेहूं की खरीदी संबंधी तैयारियां करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. देश के कई राज्यों में मार्च महीने से गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाएगी.

कृषि निर्यात बढ़ने का अनुमान

देश का कृषि निर्यात 2030 तक दोगुना होकर 100 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है. भारत गुड्स एंड सर्विसेज के एक्सपोर्ट को 2030 तक 2 हजार अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. चावल, गेहूं और चीनी सहित कुछ प्रमुख वस्तुओं की खेप पर लगाए गए अंकुशों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश का एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पिछले साल के 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा. निर्यात प्रतिबंध और अंकुशों की वजह से इस वित्त वर्ष में लगभग 4 से 5 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा. किसानों को कृषि निर्यात बढ़ने से गेहूं के साथ-साथ चावल एवं गन्ने का भाव अच्छा मिलने की संभावना है.

'निर्यात पर पाबंदी नहीं हटाई जाएगी'

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियां हटाने का कोई भी प्रस्ताव फिलहाल सरकार के सामने नहीं है. गोयल ने कहा कि भारत का गेहूं और चीनी के आयात का कोई इरादा नहीं है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियां हटाने का कोई भी प्रस्ताव फिलहाल सरकार के सामने नहीं है.

किसानों का होगा फायदा

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार गेहूं, चावल और चीनी पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके साथ ही भारत गेहूं और चीनी का आयात नहीं करेगा. भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद जुलाई 2023 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. सरकार ने अक्टूबर, 2023 में चीनी के निर्यात पर भी रोक लगाने का आदेश जारी किया था, जो अब तक जारी है. सरकार के इन फैसलों का सीधा फायदा किसानों को होगा. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट बताते हैं कि वर्तमान में देश में खाद्यान्न की भरपूर का बफर स्टॉक कम हुआ है, ऐसे में सरकार अधिक खरीदी पर जोर देगी. जिसके चलते मंडियों में भाव बढ़ने की संभावना है.

English Summary: Farmers cultivating wheat should be alert Changing weather patterns will affect wheat production in india
Published on: 19 January 2024, 03:46 PM IST

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