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Updated on: 21 December, 2022 9:46 AM IST
हरियाणा के किसानों के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी जारी

बदलते मौसम की मार किसानों की फसलों पर बहुत बड़ा प्रभाव डालती हैं, ये प्रभाव कभी फसलों के लिए अच्छा साबित होता है तो कभी-कभी बहुत बुरा. ऐसे में भारतीय मौसम विभाग किसानों के लिए अक्सर कृषि विशेष सलाह (Agromet Advisory) जारी करता रहता है. ये कृषि विशेष सलाह अलग-अलग राज्यों के मौसम के आधार पर  दी जाती है. ऐसे में आज हम आपको इस लेख में हरियाणा के किसानों के लिए मौजूदा मौसम को देखते हुए जारी एग्रोमेट एडवाइजरी के बारे में बताने जा रहे हैं. 

जनरल एग्रोमेट एडवाइजरी

इस दौरान शुष्क मौसम की स्थिति की संभावना के कारणकिसानों को इस अवधि में विश्वविद्यालय प्रमाणित किस्मों के साथ सरसों की फसल की बुवाई पूरी करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही अगेती बोई गई सरसों की फसल में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करने की भी सलाह दी.

गेहूं

शुष्क मौसम की संभावना के कारण गेहूं की फसल की बुवाई समय से पूरी कर लें.

सरसों

शुष्क मौसम की संभावना के कारण किसानों को सरसों की फसल में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है. तना सड़न रोगों के नियंत्रण के लिए बाविस्टिन जैसे कवकनाशी का छिड़काव करें.

गन्ना

अगर शीर्ष छेदक की क्षति 5% के स्तर से अधिक हो तो फिर 10 किलो फरटेरा 0.4 जीआर या 12 किलो फुरादान/दियाफुरान/फुराकार्ब/फ्यूरी 3जी (कार्बोफुरन) प्रति एकड़ को टहनियों के आधार पर लगाकर शीर्ष छेदक के हमले को प्रबंधित करें. इसके साथ ही मिट्टी को थोड़ा ऊपर कर लें और तुरंत ही हल्की सिंचाई कर दें.

बागवानी विशिष्ट सलाह

साप्ताहिक अंतराल पर सब्जियों की फसलों की सिंचाई करें.

भिंडी में जैसिड को 100-125 लीटर पानी में 80 मिली एकोटिन 5% (नीम आधारित कीटनाशक) के साथ प्रति एकड़ 100-125 लीटर पानी में मिलाकर एक या दो बार पाक्षिक अंतराल पर छिड़काव करके प्रबंधित किया जा सकता है.

मिर्च में फलों के सड़ने और मर जाने पर नियंत्रण के लिए फसल पर 250 मिली फॉलिकुर या 750 ग्राम इंडोफिल एम 45 या ब्लिटॉक्सिन 250 लीटर पानी प्रति एकड़ 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें.

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बैंगन में फल और तना छेदक कीट के हमले की रोकथाम के लिए 80 मिली कोराजेन 18.5 एससी या 80 ग्राम प्रोक्लेम 5एसजी 100-125 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में छिड़काव करें.

फूलगोभीगोभीब्रोकली की अगेती किस्मों की रोपाई इस अवधि में की जा सकती है.

आलूमूलीशलजमपालकधनियामेथी आदि सर्दियों की सब्जियों की फसलों के लिए भूमि तैयार करने और बुवाई के लिए मौसम अनुकूल है.

टमाटर की पछेती झुलसा रोग के प्रबंधन के लिए मौसम साफ होने पर 600 ग्राम इंडोफिल एम-45 को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में छिड़काव करें.

फलों की खेती करने वाले किसानों को सलाह

नींबूअमरूदआमलीचीचीकूजामुनबेलआंवला जैसे सदाबहार पौधों के रोपण के लिए यह अत्यधिक उपयुक्त अवधि है.

बड़े खरपतवार जैसे कांग्रेस घासभांग आदि बागों में और उसके आसपास उगते हैं. इस मौसम में इन्हें उखाड़ना आसान है.

फलों की मक्खी से प्रभावित अमरूद के फलों को नियमित रूप से हटाएं और दबा दें.

यह साइट्रस बागों में फाइटोफ्थोरा (गमोसिस) के प्रबंधन के लिए उपयुक्त समय हैअनुशंसित प्रथाओं का पालन करें.

पशुपालन

बदलते मौसम के कारण ठंड जैसी स्थिति होने पर पशुओं को शेड में रखना चाहिए. घरेलू मक्खी/अन्य के संक्रमण से बचने के लिए पशुशाला के आसपास साफ-सफाई रखें.

50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक और 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण रोजाना चारा और हरे चारे के साथ प्रदान करें ताकि उन्हें स्वस्थ रखा जा सके. टिक संक्रमण के मामले मेंजानवरों के साथ-साथ शेड में बुटॉक्स (2 मिली / लीटर पानी) का छिड़काव करके इसे नियंत्रित करें. 10-15 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें. छह माह से कम उम्र के पशुओं पर छिड़काव न करें.

उचित साफ-सफाई और 75 मिली पोवीडोन आयोडीन और 25 मिली ग्लिसरीन के घोल से टीट डिप का उपयोग करके पशुओं के थनों को मास्टिटिस से बचाएं.

चिड़िया

जैसे-जैसे मौसम बदलता हैशेड के अंदर तापमान और नमी बनाए रखें. ब्रॉयलर पालने के लिए यह सबसे अच्छा मौसम है. अपने ब्रायलर चूजों को एक प्रतिष्ठित हैचरी से प्राप्त करें. प्रकाश अंडे के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

दिन के उजाले सहित परतों को कुल 14-16 घंटे का प्रकाश प्रदान करें. पतले खोल वाले अंडे के उत्पादन से बचने के लिए परत वाले राशन में अतिरिक्त ग्रिट (प्रति पक्षी 5 ग्राम) प्रदान करें.

साथ ही पोल्ट्री शेड के अंदर पर्याप्त हवा की आवाजाही संभव होनी चाहिए.

English Summary: Farmers cultivating wheat, mustard, sugarcane should finish this important work quickly, they will get benefit in the coming days
Published on: 21 December 2022, 09:52 AM IST

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