किसान भाइयों के लिए आज हम ऐसी फसल की जानकारी लेकर आए हैं, जिसका उपयोग आज के समय में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। फर्नीचर, कागज, सजावटी सामान और अन्य कई उत्पाद बांस की लकड़ी से बनाए जाते हैं। इस लकड़ी की मांग साल भर बनी रहती है। हम बात कर रहे हैं बांस की. अगर किसान बांस की खेती (Bamboo Farming) करते हैं, तो वे 40 साल तक लगातार उपज प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, बांस की खेती पर सरकार भी अधिक सब्सिडी की छूट दे रही है, जिससे किसानों को बड़ा लाभ हो रहा है।
कब करें बांस की खेती?
बांस की खेती के लिए नवंबर का महीना सबसे उचित माना जाता है। इस समय तापमान सामान्य रहता है - न ज्यादा गर्म और न ज्यादा ठंडा, जिससे बांस के पौधों की बढ़ोतरी तेजी से होती है और किसानों को इस फसल से अच्छा उत्पादन मिलता है। साथ ही इस मौसम में फसल में कीट और दीमक लगने का खतरा भी कम रहता है।
बांस की खेती में ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इसे सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं होती और थोड़ी देखभाल में किसान सालों तक अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कम खर्च, बड़ा मुनाफा
बांस की खेती में ज्यादा जमीन या बड़ी पूंजी की आवश्यकता नहीं होती। किसान इसे खेत की मेड़, खाली जगह या बाउंड्री पर भी लगा सकते हैं। अगर एक बार पौधा तैयार हो जाए, तो थोड़ी देखभाल से यह 40 साल तक लगातार उत्पादन देता है।
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एक एकड़ में किसान लगभग 400 बांस के पौधे लगा सकते हैं।
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इस फसल की कटाई 5वें साल से शुरू होती है।
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एक एकड़ से लगभग 2400-2500 बांस प्राप्त होते हैं।
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मौजूदा बाजार दरों के अनुसार किसान ₹70,000 से ₹1 लाख तक सालाना लाभ कमा सकते हैं।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
सरकार किसानों को बांस की खेती के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) के तहत प्रोत्साहित कर रही है ताकि अधिक से अधिक किसान इस खेती को अपनाएं और बांस का उत्पादन बढ़े।
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किसान अगर बांस की खेती करना चाहते हैं और सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो वे नजदीकी वनमंडल अधिकारी या कृषि विभाग कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
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सरकार 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
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इस योजना में राज्य सरकार प्रति पौधा तीन साल तक ₹120 की सहायता राशि देती है:
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पहले साल ₹60
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दूसरे साल ₹36
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तीसरे साल ₹24