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Updated on: 12 April, 2020 1:24 PM IST

कोरोना वायरस के चलते ही मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो चला है. इस वायरस की मार तो किसानों पर कम पड़ी है लेकिन इसके चलते लगे लॉकडाउन की मार ने अन्नदाता परेशान कर रखा है. किसानों को इसी परेशानी से उबारने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों से तालमेल बैठाने में लगी है. इस बार रबी की फसल वैसे प्राकृतिक आपदाओं के चलते नष्ट हो चुकी है और जो कुछ बची भी है उसके बिक्री में यह लॉकडाउन रोड़ा बन खड़ा है. बता दें, लॉकडाउन के कारण कई बार रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद रोकी गई है. कल यानी 11 अप्रैल को केंद्रीय कृषि मंत्री में कहा है कि अब गेहूं जैसी रबी मौसम की उपज की खरीद में देरी नहीं होगी.भाजपा के सुशासन (गुड गवर्नेंस) विभाग द्वारा की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमार ने संवाददाताओं से कहा कि लगभग  80 प्रतिशत से अधिक गेहूं, दलहन और तिलहन फसलों की कटाई किसान कर चुके हैं.

कृषि मंत्री ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से लगे प्रतिबंधों के कारण फसलों, विशेष रूप से फूलों और फलों जैसे अल्प समय में बेकार होने वाली उत्पादों की नुकसान होने की बात को भी माना. अल्प समय में बेकार होने वाली उत्पादों की नुकसान के जबाब में उन्होंने कहा की जल्द ही रेलगाड़ियों द्वारा आवश्यक वस्तुओं को लाने ले जाने और महत्वपूर्ण शहरों में इसके बिक्री काम शुरू हो जाएगा जिससे किसानों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा ऐसे ही किसानों के मदद के लिए हमें बाजार हस्तक्षेप योजना भी लागू की है.

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी पहले दिन से यही प्राथमिकता रही है कि इस लॉकडाउन से खेती का काम न रुके. राज्य सरकार के साथ समन्वय में केंद्र सरकार उपाय कर रही है. उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद 15 अप्रैल से शुरू होगी और केंद्र किसानों की उपज की खरीद के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

English Summary: Farmers are the first priority procurement of rabi crops will start from April 15 on support price said nredra singh Tomar
Published on: 12 April 2020, 01:35 PM IST

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