उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ग्रामीण किसान युवाओं में बढ़ती नशाखोरी और क्षणिक सरल लाभ के लिए कानून के उल्लंघन की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आगाह किया कि कानून के साथ खिलवाड़ करना न सिर्फ उनके लिए महंगा पड़ेगा बल्कि ग्रामीण किसान समुदाय को भी बदनाम करेगा. उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं होता, देर सवेर कानून का शिकंजा अवश्य कसेगा. उपराष्ट्रपति ने रविवार को नागौर के मेड़ता सिटी में स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर संबोधित करते हुए ये बाते कही.
कृषि आयोग के अध्यक्ष के रूप में नाथूराम मिर्धा के योगदान को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सर छोटूराम, किसान केसरी बलदेव मिर्धा और चौधरी चरण सिंह के सपनों को साकार करने का कार्य किया. इस अवसर की तुलना उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने के अवसर से की. उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे नाथूराम मिर्धा के स्वप्न को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेंगे.
उन्होंने कहा कि किसान कौम के लिए आरक्षण की लड़ाई कठिन थी जिसमें स्वयं उनका भी योगदान रहा लेकिन आज उसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कृषि, ग्रामीण विकास और सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों का अधिकार है. धनखड़ ने किसान युवाओं से कृषि और ग्रामीण विकास के मार्ग पर चलने का आह्वाहन किया. कुछ वर्गों द्वारा पुराने ट्रैक्टरों को हटाए जाने का विरोध किए जाने का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों ने सदैव परिवर्तन को आगे बढ़ कर अपनाया है. हमें चाहिए कि आज दुनिया में जो हो रहा है हम उससे भी आगे बढ़ें.
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