कोरोना वायरस के चलते देश में 17 मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है. मार्च के बाद यह तीसरी बार है जब लॉकडाउन को बढ़ाया गया है. इस लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ रखी है. देश के पालनहार (किसान) भी इस समय मुश्किल का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इस लॉकडाउन के कारण उनकी उपज बिक नहीं पा रही है या जो भी बिक रही है उसका भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है. इससे पहले भी फरवरी और मार्च में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण भारी मात्रा में फसल क्षति हुई थी. हालांकि सरकार किसानों को ऐसी स्थिति से निकालने का प्रयास कर रही है लेकिन इसके विपरीत लॉकडाउन में किसानों को हो रही परेशानियों को देखते हुए कई तरह की मांग उठने लगी है.
वैसे तो किसान संगठन अपने हक़ के लिए जमीन पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं. लेकिन इस लॉकडाउन में किसानों और किसान संगठनों में विरोध प्रदर्शन का नया तरीका अपनाया है. अब किसान और किसान संगठन ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी बात या मांग पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि 5 मई को शाम 4:00 से लेकर 4:30 बजे तक किसान कर्ज मुक्ति का मुद्दा ट्विटर पर सबस ज्यादा ट्रेड पर था. इस प्रकार #किसान -कर्जा-मुक्ति ट्रेड करने के पीछे एक मुख्य वजह है कि भारतीय किसान यूनियन ने 29 अप्रैल को कर्ज माफी के लिए प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था. इस पत्र का जवाब जब 4 मई तक नहीं आया तो किसान संगठन ने इस मुद्दे को ऑनलाइन उठाने की योजना बनाई.
इस मुद्दे पर किसान कांग्रेस ने सबसे पहले ट्वीट किया था कि "आप सब से अपील है किसानों के लिए आवाज़ बुलंद करें
न सिर्फ देश के अन्नदाताओं के लिए कृषि से जुड़े लाखों करोड़ों लोगों के लिए उद्योग पति प्रेमी सरकार से करे सवाल
किसानों की कर्जा मुक्ति क्यों नहीं?? 5 मई शाम 4 बजे"
इस ट्वीट का को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर विजिट करें :- https://twitter.com/Kisan_Congress/status/1256956601182949376
रामनमान दीप सिंह मान ने ट्वीट किया, "फसलों का लागत के हिसाब से भाव नहीं ! फसलों के नुकसान की कागज़ी भरपाई ! किसान की दोगुनी आमदनी के जुमले ! धन्ना सेठों के लाखों करोड़ माफ़ और #किसानो की जमीन की कुर्की, अब और नहीं ! जल्द से जल्द किसान कर्जा मुक्ति करो मोदी जी"
इस ट्वीट का को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर विजिट करें :-
https://twitter.com/ramanmann1974/status/1257625334763057152