आज के इस तकनीकी दौर में, कृषि क्षेत्र वैज्ञानिक भविष्यवाणी की मदद से असंगठित से संगठित बनने के लिए अग्रसर है. आज कृषि प्रबंधन अत्यंत आवश्यक हो गया है और इसका पूरा श्रेय तकनीकी विकास को देना अनुचित नहीं होगा. बल्कि महामारी के पश्चात इस आवश्यकता में बढ़ोतरी हुई है.
शिवराय टेक्नोलॉजीज के द्वारा स्थापित FarmERP, कृषि क्षेत्र के हर पहलू और उसमे जुड़े हर हितदारक के कार्यों को सरल करने का लक्ष्य रखता है. इस कंपनी ने अपना व्यवसाय ना सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ाया है. कई देशों में FarmERP की बड़ी शोहरत और उससे भी बड़ा कारोबार है. 2019 में पहली बार इन्हे एक Singapore की कंपनी द्वारा बाहरी फंडिंग मिली. उसके बाद से ही अन्य देशों में उन्होंने अपने विश्वसनीय और कामियाब कृषि मंच को स्थापित किया.
आज वह कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन कार्यों में सहयोग कर रहे हैं, ताकि वे कृषि क्षेत्र को ना केवल फायदेमंद बल्कि विश्वसनीय भी बना सके.
प्रचुर मात्रा में फंडिंग प्राप्त होने के बाद उन्होंने कई उन्नत और नई विशेषताओं को अपने उत्पाद में शामिल किया. जैसे कि सारे कार्यों को नक्शों से जोड़ना, QR code द्वारा अनेक उपकरणों तथा प्रणालियों को चलाना, लेखांकन व लागत को तकनीकी रूप से करना, Hydroponic packs को लाना, IoT उपकरणों का प्रयोग करना आदि.
उन्होंने तकनीकी तरीके से, छोटे स्तर पर कार्य करने वाले किसानों के सशक्तिकरण हेतु कई जाने माने FPOs और FPCs के साथ संबंध जोड़े है. कृषि क्षेत्र में छोटे स्तर पे भाजीवालो के शहरीकरण अथवा विकास के लिए FarmERP ने खूब ख्याति प्राप्त की है. इस विषय का उद्देश्य यही था की आम किसान अपने कार्यों को भविष्य को मद्देनजर रखते है योजना अनुसार कर सके और कुशल प्रणालियों का उपयोग कर, कर सके.
वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, कंप्यूटर का प्रयोग कर अपने उपभोक्ताओं की निरंतर सेवा करते है. प्रौद्योगिकी का असाधारण इस्तेमाल कर, उन्होंने उपग्रह तस्वीरों की बदौलत मौसम अनुसार कृषि कार्य और बीमारी पता करने की शुरुआत की है.
ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण में स्थिरता लाने की बात करे तो, इन उपलब्धियों ने FarmERP को कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने के काबिल बनाया है. हाल ही में इन्होंने श्रीलंका, फ्रांस, अरब, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, केन्या, वियतनाम, सुदान आदि के बड़े खेतों में व्यवसाय करना शुरू किया है. इससे, आज, पूरे विश्व में बड़े से लेकर छोटे व्यापारियों में इनका बोलबाला है. अपने बलबूते पे इन्होंने श्रीलंका के सबसे बड़े प्लांटेशनों (लगभग 35000 एकड़) की जिम्मेदारी हासिल की और अभी उसे निभाने के लिया निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं.
अपनी प्रौद्योगिक क्षमता से ही FarmERP, इस कृषि तकनीकी क्रांति का चहरा बनेगा. इनकी खूबी यह हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के बावजूद वे आज भी हर ग्राहक की जरूरत अनुसार सेवा करते हैं.
इनकी सफलता के चार स्थम्ब है ट्रेसेबिलिटी, क्लाइमेट लचिलता, खाने की सुरक्षा और पर्यावरण में स्थिरता. इन्ही को नीव मानकर, वे यूनाइटेड नेशंस के भूख मिटाने अथवा मौसमी बदलाव के प्रति कार्य कर रहे है.
आज 25 से अधिक देशों में स्थित, FarmERP अपने कौशल और प्रतिभा का उपयोग कर इस कृषि तकनीकी क्रांति को बढ़ाने के लिए काम कर रहे है. वे अपने कार्यों में और भी अधिक अनुभवी पात्रों को शामिल करने की आशा रखते हुए, इस बढ़ोतरी को इसी स्तर पर अग्रसर रखने का सपना देखते है. यह कहना अतिशोक्ति नही होगी कि आज के कृषि क्षेत्र में इनसे अधिक प्रभावशाली कहानी हो ही नही सकती.