सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 November, 2022 12:49 PM IST
किसान आंदोलन में शामिल होगें राकेश टिकैत, 28 दिनों से चल रहा है धरना प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पिछले 28 दिनों से महिलाएं व किसान धरने पर बैठे हुए है. बता दें कि किसान आजमगढ़ के मंदुरी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के विरोध में धरना प्रर्दशन कर रहे है. किसानों को कहना है कि हम अपनी जान दे देंगे मगर जमीन नहीं देंगे. किसानों के मसीहा कहे जाने वाले राकेश टिकैत किसानों के प्रदर्शन को और रफ्तार देने पहुंच रहे हैं. ताकि भूमी अधिग्रहण के इस प्रस्ताव को खारिज किया जा सके.

बता दें कि राकेश टिकैत धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंच कर उन्हें संबोधित करेंगे. उनके यहां पहुंचने से यकीनन आंदोलन को धार मिलेगी. इससे पहले मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर भी आंदोलन में शामिल हुईं और उन्होनें किसानों को सरकार के खिलाफ यह लड़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया.  इस धरना प्रदर्शन में इससे पहले भी हरियाणा और उत्तराखंड के किसान नेता शामिल हुए थे तथा उन्होंने भी सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी थी.  

किसान आंदोलन

किसानों का यह आंदोलन बीते 28 दिनों से मंदुरी के जमुआ में चल रहा है. इस आंदोलन में तकरीबर 1.5 दर्जन गांव के लोग इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में है. बता दें कि सरकार द्वारा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जमीन अधिग्रहीत की जानी है. इससे लगभग 8 गांव की 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है. इस आंदोलन में महिलाएं, किसाव व बच्चे बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं. हाथ में बैनर लिए महिलाएं व बच्चें मांग कर रहे हैं कि अपनी जमीन व आशियाना नहीं देंगे.

इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण भूमी अधिग्रहण पर धरना प्रदर्शन
"हम अपनी जमीन व आशियाना नहीं देंगे " आजमगढ़ में एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन

आजमगढ़ एयरपोर्ट

  • आजमगढ़ एयरपोर्ट वहां चल रहे आंदोलन की वजह से खूब सुर्खियां बटौर रहा है. लेकिन बता दें कि इससे पहले भी यहां पर कई उड़ाने भरी जा चुकी हैं.

  • वर्ष 2005 में यहां हवाई पट्टी हुआ करती थी. जहां से कई बड़े नेताओं ने उड़ान भरी है. इसके बाद योगी आदित्यानाथ ने साल 2018 में इस हवाई पट्टी को हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की .

  • वर्ष 2019 में आजमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सरकार ने 18.21 करोड़ रुपए का बजट रखा. जिसके कुछ वक्त बाद यह हवाई अड्डा बनकर तैयार हो गया.

  • इसके बाद सरकार ने एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए आजमगढ़ को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाने के लक्ष्य के साथ 670 एकड़ भूमि के निरिक्षण का कार्य जिला प्रशासन को दिया.

  • जिला प्रशासन के सर्वे कार्य के विरोध में ही किसान पिछले 28 दिनों से वहां धरने पर बैठे हुए हैं. ऐसे में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मास्टर प्लान वापस लिए जाने की लगातार मांग उठ रही है. किसानों को कहना है कि जान दे देंगे मगर जमीन नहीं.

यह भी पढ़ें: Viral Video News: ख़राब हुई बस को धक्का लगाते दिखे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, जाम खुलवाया, लोगों का हाल-चाल भी पूछा

देखा जाए तो यदि एयरपोर्ट का विस्तारीकरण होता है, विकास कार्य को गति जरुर मिलेगी, मगर किसान को भारी नुकसान होगा. क्योंकि किसानों की आजीविका खेती ही है. जमीन अधिकृत होने के बाद किसानों के पास से आय के स्त्रोत खत्म हो जाएंगे.

English Summary: Farmer Protest: Rakesh Tikait will join the farmers' movement in Azamgarh, the protest is going on for 28 days
Published on: 09 November 2022, 12:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now