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Updated on: 21 November, 2022 12:54 PM IST

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने रविवार को बताया कि किसान संघों ने एमएसपी कानून की अपनी मांग को लेकर सभी राज्यों के राज्यपालों का निर्धारित तिथि पर घेराव करने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के किसान 26 नवंबर को राज्यपाल को घेरने के लिए ट्रैक्टरों पर लखनऊ पहुंचेंगे और उन्हें एक ज्ञापन सौंपेंगेसाथ ही इको गार्डन में मजदूर-किसान महापंचायत कर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाएंगे." इस आंदोलन में लगभग एक लाख किसानों के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है.

अन्य मांगों में गन्ना खरीद मूल्य बढ़ाकर 500 रुपये प्रति क्विंटल करनापराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगानाकिसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करानाकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनीको उनकी 'संलिप्तताके आरोप में बर्खास्त करना शामिल है. लखीमपुर हिंसाट्रैक्टर-ट्राली प्रतिबंध हटाना और बेमौसम बारिश से हुई फसल क्षति के लिए किसानों को मुआवजा देना शामिल है.

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) बनाने के लिए नवंबर 2020 में चालीस से अधिक भारतीय किसान संघ एक साथ आएजिन्होंने सितंबर 2020 से तीन कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ी.

किसान एमएसपी कानून की मांग क्यों कर रहे हैं?

न्यूनतम समर्थन मूल्यया एमएसपीवह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों की फसल खरीदती है, ताकि किसानों को जोखिमों के वक्त भी फसल का एक निश्चित मूल्य प्राप्त हो सके.

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हर साल बुवाई के मौसम की शुरुआत मेंभारत सरकार अनाजदलहनतिलहन और वाणिज्यिक फसलों सहित 23 विभिन्न कृषि फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा करती है. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर संबंधित राज्य सरकारों और संघीय मंत्रालयों/विभागों की राय पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया जाता है.

English Summary: Farmer Protest: Mahapanchayat plans to gherao the Governor on 26 November
Published on: 21 November 2022, 01:03 PM IST

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