झारखंड के किसान इन दिनों खेती में अलग-अलग मिसाल पेश कर रहे हैं. राज्य में किसानों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. यहां किसान अब सिर्फ खेती ही नहीं कर रहे हैं बल्कि खेती में मुनाफा कमा कर दूसरे किसानों को खेती के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. आज सफल किसान कि श्रृंख्ला में बात करेंगे राज्य के एक ऐसे किसान की जिन्होंने खेती में लखपति बनने कि अलग तरकीब अपनायी है.
झारखंड के कोंडागांव से 15 किलोमीटर दूर उमरगांव के गायता पारा में रहने वाले किसान चैनू राम मण्डावी अब लखपति किसानों में शुमार हो चुके हैं. किसान अपनी 4 एकड़ कृषि भूमि में लौकी, कुम्हड़ा, टिंडा, तुरई जैसी सब्जियों के बीज का उत्पादन कर रहे हैं. यह ही नहीं उन्होंने सिर्फ बीज के उत्पादन से लगभग 25 लाख रुपए का मुनाफा भी किया है. किसान चैनूराम बताते हैं कि घर में पिता और चाचा धान जैसी पारंपरिक खेती करते थे. जिसमें उन्हें लगभग 5 हजार रुपए सालाना तक की ही कमाई हो पाती थी. चैनूराम खेती तो करते ही हैं वहीं वो मास्टर ऑफ आर्ट्स तक पढ़ाई कर चुके हैं.
जिले में किसान को अधिकारियों ने भी सराहा
चैनू ने वर्ष 2014 में कुम्हाड़ा की फसल की खेती करते हुए 39 हजार का लाभ प्राप्त किया. उसके बाद उनकी खेती खेती करने की इच्छा बढ़ने लगी. उसके बाद किसान ने बीएन कंपनी नाम की बीज उत्पादक संस्था से संपर्क भी किया और अपने 4 एकड़ की भूमि में ड्रिप, स्प्रिंकलर, बैड सैपट और मल्चिंग करवाई. चैनू ने इस तरीके से लाभ कमाने के लिए कंपनी के साथ जुड़े. चैनू ने अब दूसरे गांव के अन्य बीज उत्पाद कृषकों का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है. इस ग्रुप में बीज से जुड़ी कई जानकारी मुहैया कराई जाती है जिसमें बीज की गुणवत्ता बढ़ाने से लेकर फसलीय बीमारी के समाधान तक की जानकारी शामिल हैं.चैनू बताते हैं कि क्षेत्र में कई किसान खेती कर रहे हैं लेकिन, मेरा मानना है कि खेती करने के साथ-साथ अन्य किसानों को सशक्त करना भी बेहद जरुरी है. इसलिए किसानों को बीज की जानकारी देना भी सबसे बड़ा कार्य है.