किसानों को अधिक मुनाफे के लिए सरकार लगातार अपने प्रयास में रहती है. इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों को खेती में अधिक लाभ के लिए सरकारी योजनाओं के तहत नई तकनीक के बारे किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है. एक तरफ किसानों की आय को दोगुनी करने में सरकार का हाथ होता है तो वहीँ दूसरी तरफ कृषि वैज्ञानिक भी किसानों के हित के लिए भी प्रयास करते हैं.
एक ऐसी खबर मध्यप्रदेश राज्य के छिंदवाडा जिले की है. जहाँ के किसानों को लाल भिंडी की खेती काफी मुनाफेदार साबित हो रही है. बता दें कि भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छिंदवाड़ा ज़िले में स्थित परसिया जिले के कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को फसल उत्पादन में नई – नई तकनीक को अपनाने के लिए सुझाव दिए हैं. इससे प्रेरित होकर जाटाछापर के दो किसानों ने जैविक खेती के जरिए लाल भिंडी की खेती कर अच्छा और शानदार मुनाफा कमाया है. लाल भिंडी की खेती किसानों के लिए ही नहीं बल्कि हम सभी की सेहत के लिए भी लाभदायक होती है.
लाल भिंडी सेहत के लिए लाभदायक है (Red Ladyfinger Is Beneficial For Health)
वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल भिंडी की खेती से परंपरागत हरी भिंडी की खेती की तुलना में अधिक उपज प्राप्त होती है. साथ ही बाजार में भिंडी के दाम ज्यादा मिलते हैं. इसके अलावा लाल भिंडी खाने में स्वादिष्ट व सेहतमंद भी मानी जाती है, जी हाँ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Vegetable Research) के अनुसार, लाल भिंडी सेहत के लिए रामबाण मानी जाती है. लाल भिंडी में कई जरुरी पोषक तत्व पाए जाते हैं.
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लाल भिंडी में लगने वाले रोग एवं बचाव (Diseases And Prevention Of Red Ladyfinger)
वहीँ वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल भिंडी में अन्य सब्जियों के मुकाबले रोग कम लगते हैं. भिंडी की इस ख़ास किस्म में लाल मकड़ी का खतरा अधिक होने की सम्भावना रहती है.
फसल की पौध की पत्तियों की पौध के नीचे यह झुण्ड बनाकर रहती हैं और धीरे-धीरे यह पत्तियों के रस को चूसती हैं. जिसके फलस्वरूप पौधा सूख कर पूरा पीला हो जाता है. एवं पौधे का विकास भी रुक जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस तरह की समस्या अपने लाल भिंडी की फसल में पाई जाती है, तो इससे बचाव के लिए फसल में डाइकोफॉल या गंधक का छिडकाव करें.