IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित LPG Price Cut: महंगाई से बड़ी राहत! घट गए एलपीजी सिलेंडर के दाम, जानें नए रेट Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 27 March, 2021 3:37 PM IST
Farmer

विगत चार माह से आंदोलनरत किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलनस्थल पर मुस्तैद हैं, लेकिन सरकार है कि उनकी मांगों को मानने को तैयार ही नहीं हो रही. इसी कड़ी में  तो गत शुक्रवार को आंदोलनकारी किसानों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया था, लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं दिखा है. बहरहाल, किसान अपने दिल को संतुष्टि देने के लिए इतना जरूर कह सकते हैं कि इस बार भारत बंद का मिला जुला असर दिखा.

हालांकि, किसान नेताओं ने अपनी तरफ से भारत बंद को सफल बनाने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें अपनी अपेक्षा के अनरूप सफल नहीं हो पाए. लगता है, अब इसी से खफा हुए किसान नेताओं ने भारत बंद के ऐलान के बाद कल यानी की छोटी होली के दिन होलिका दहन व तीनों कृषि कानूनों की कॉपियों को जलाने का ऐलान कर दिया है.

आंदोलनकारी किसान यह सब कुछ अपनी नाराजगी की नुमाइश करने के लिए कर रहे हैं. किसान भाई यह सब कुछ इसलिए कर रह हैं, ताकि उनकी बात शासन तक पहुंच सके. इस दिशा में उनकी पुरजोर कोशिश जारी है, मगर किसान भाइयों की शासन से यह शिकायत है कि उनकी सूध लेने वाला कोई नहीं है.

खैर, भारत बंद, ट्रैक्टर, किसानों के आंदोलन का अब तक शासन पर क्या कुछ असर पड़ा है. यह तो हम देख ही चुके हैं, लेकिन अब किसानों के होलिका दहन का शासन पर क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. 

चुनाव के लिहाज बहुत मायने हैं इसके  

 यहां हम आपको बताते चले कि किसानों द्वारा लगातार उठाए जा रहे इस तरह के कदम पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए खासा मायने रखते हैं. गौरतलब है कि अभी पांच राज्यों में चुनाव है. आज असम और बंगाल में पहले चरण का मतदान हो रहा है. हमने इस बात को भलीभांति देखा है कि किस तरह इस चुनाव प्रचार में किसानों के मसले को  चुनाव प्रचार का मुद्दा बना  बनाया गय है.

किस तरह बंगाल खुद पीएम मोदी, जेपी नड्डा सहित अमित शाह ने अपनी चुनावी जनसभा में प्रदेश की जनता से वादा किया है कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आने में कामयाब रहती है, तो हम किसान सम्मान निधि योजना को लागू करेंगे, जिसके तहत प्रदेश के किसान भाइयों को 18 हजार रूपए की राशि दी जाएगी. खैर, अब इसका किसान आंदोलन पर क्या असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

English Summary: Farmer made a big announcement
Published on: 27 March 2021, 03:48 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now