Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 27 April, 2021 5:25 PM IST

कहीं उजड़ न जाए ये कायनात इसलिए गलियों को वीरान ही रखा गया. कहीं हमेशा के लिए खामोश न हो जाए ये खिलखिलाते चेहरे इसलिए  पाबंदियों का लबादा पहना दिया गया है, मगर वीरान  गलियों से गुजरती हर दम तोड़ते मरीजों की चित्कार से हुकूमत में बैठे सूरमाओं की नाकामियों का ही नतीजा है कि आज अस्पताल गुरबत में हैं. कहीं ऑक्सीजन की कमी है, तो कहीं बेडों का अभाव तो कहीं दवाओं की किल्लत और इन सब की गिरफ्त में आकर अगर कोई खुद को ठगा महसूस कर रहा है, तो वो है आम जनता. दम तोड़ते हर मरीज का अभी हुकूमत से महज यही कहना है कि जनाब, ऐसे भी क्या खता हो गई, हमसे की आप यूं खफा हो गए.

देश के हर शख्स का पेट भरने वाले एक किसान का अस्पतालों की बदइंतजामी देख इस कदर दिल पसीज उठा कि उसने अपने जीवन भर की कमाई महज इसलिए जिला प्रशासन को दे दी, ताकि अस्पताल में कोई मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम न तोड़ दें. जी हां.. हर रोज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ते मरीजों की चित्कार को सुन उस किसान का दिल इस कदर पसीज उठा कि उसने जो जमा पूंजी अपनी बेटी की शादी के लिए पाई-पाई करके जोड़ी थी, उसे महज इसलिए जिला प्रशासन को दे दी, ताकि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सके.

बेटी की शादी के लिए रखे थे पैसे  

 यह जानकर आपकी आंखें नम हो जाएगी और दिल संवेदनाओं से भर उठेगा, जब आपको यह मालूम पड़ेगा कि मध्य प्रदेश के नीमच जिले में रहने वाले किसान चम्पालाल ने 2 लाख रूपए की यह रकम अपनी बेटी की शादी के लिए रखी थी. दिन रात अपने खून पसीने को एक कर चम्पालाल ने यह रकम जुटाई थी, मगर जब लगातार लोगों को ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ते देखा तो उनका दिल पसीज उठा. उनकी संवेदनाएं अंदर से झकझोर उठी. बेशक, अपनी बढ़ोतरी में से किसी की सहायता करना, तो बहुत आसान है, मगर यह यकीनन काबिल-ए--तारीफ है, जब आप अपनी घटी में किसी की मदद के लिए कुछ करते हैं.

खबरों की इस दुनिया मे अभी इस किसान की चर्चा हर किसी के जुबां पर छाई हुई है. यूं तो आपने खबरों की इस दुनिया में किसानों की बदहाली की बेशुमार खबरें पढ़ी होंगी, लेकिन आपकी निगाहों के सामने से बहुत ही कम ऐसी खबरें होकर गुजरती होंगी. 

English Summary: Farmer give 2 lakh rupess for oxgygan
Published on: 27 April 2021, 05:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now