केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना की पहली किस्त जारी हो चुकी है. इस योजना की दूसरी किस्त भी 1 अप्रैल तक भेजने की तैयारी हो रही है. लेकिन इस योजना का लाभ अपात्रों (जो किसान नहीं हैं या बड़े किसान हैं) को मिल रहा है. दरअसल जो लोग ‘पीएम किसान’ योजना के पैमाने पर खरे नहीं उतरते है उनके भी खाते में पैसे आ रहे है. लेकिन वो पैसे दो हजार न आकर महज चार सौ रुपये आ रहे है. हालांकि केंद्र सरकार इसे योजना को लेकर पहले यह अंदेशा जताया था कि इतनी बड़ी ( पीएम- किसान ) योजना है तो ऐसी बातों की संभावना बनी ही रहती है.
दरअसल बीते दिनों इस योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल ने कहा था कि ‘इस योजना के तहत अब तक दो करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 2000-2000 रुपये पहुंच चुके हैं. अभी तक ऐसी किसी भी गड़बड़ी की बात संज्ञान में नहीं आया है कि किसी अपात्र व्यक्ति को पैसा मिला हो, लेकिन इतनी बड़ी (पीएम - किसान) योजना है तो ऐसी बातों की संभावना बनी ही रहती है. अगर अपात्र लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे वापस तो लिया ही जाएगा. ऐसे लोगों को पैसा डीबीटी से गया है और डीबीटी से ही वापस लिया जाएगा. यह हमने राज्यों को पत्र लिखकर बता दिया है.
अगर खाते में पैसा आ गया है तो अपात्र क्या करें?
मीडिया में आई खबरों किए मुताबिक ऐसे लाभार्थी अपने बैंक को ट्रांजेक्शन वापस करने की अर्जी दें. बैंक इस पैसे को अलग अकाउंट में डाले और सरकार को वापस करे. राज्य सरकारें लाभार्थियों को पैसे रिफंड करने में मदद करें. राज्य अपात्रों से पैसे वापस लेकर https://bharatkosh.gov.in/ में जमा कराएं. इतना ही नहीं अगली किस्त (1 अप्रैल से पहले) जारी होने से पहले ऐसे लोगों का नाम लिस्ट से हटाया जाए.
क्या है 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना ?
देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है, उन किसानों के खाते में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी.
किन किसानों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत का उन्हें लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.