हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है. भारत के लोगो में प्रतिभा तो कूट-कूट कर भरा है. इसलिए पूरे विश्व में भारत का परचम लहराता है. जब हम यहाँ के किसानों की बात करते है तो समझ में आता है कि हमारे यहाँ के किसान, इंजीनियर, किसान भी है, अनुसंधानकर्ता और इन्नोवेटर सब है. हर रोज आपको किसानों के द्वारा निर्मित किसी नए यंत्र कि जानकारी मिल ही जाएगी.अब ऐसा ही कुछ किया कर्नाटक के एक किसान गणपति ने. जिनकी इस इनोवेशन पर फ़िदा हो गए है महिंद्रा एंड महिंद्रा के मालिक आनंद महिंद्रा. जी हाँ कर्नाटक के किसान गणपति ने नारियल किसानों की परेशानी को देखते हुए पेड़ पर चढ़ने वाली बाइक का निर्माण कर दिखाया जिसको आनद महिंद्रा ने खूब सराहा है.
क्या ट्वीट किया आनंद महिंद्रा ने :
दो दिन पहले आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा,' यह कितनी कूल है ?, यह न केवल प्रभावी और अपना काम करती दिखाई पड़ती है बल्कि इसे बेहतरीन तरीके से डिजाइन किया गया है. इसी के साथ उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट डिवीजन के प्रेजिडेंट राजेश जेजूरिकर को ट्वीट में मेंशन करते हुए लिखा कि आपकी टीम इस डिवाइस कि करीबी से पड़ताल करें और देखे क्या हम मिस्टर भट्ट कि इस डिवाइस को अपने फार्म पोर्टफोलियो में शामिल करके बेच सकते हैं.
पूरी तरह से किसान ने बनायीं है यह बाइक :
पेड़ पड़ चढ़ने वाली इस बाइक कड़ी मेहनत से कर्नाटक के किसान गणपति भट ने तैयार किया है, उनकी यह डिवाइस काफी मशहूर होती दिख रही है.अभी तक नारियल और सुपारी के पेड़ो पर पैरो से चलने वाले यन्त्र से चढ़ा जाता था. अब इस बाइक के आने से पेड़ों पर चढ़ने का काम बहुत ही आसान हो गया है. इस बाइक के जरिए 1 लीटर पेट्रोल में 80 पेड़ों पर चढ़ा जा सकता है . यह एक अनोखा यंत्र है. इसलिए कहा जाता है कि भारतीय किसान अपने आप में इंजिनियर, टीचर, इन्नोवेटर, वैज्ञानिक सबकुछ है.
चुनौतियों का करना पड़ा सामना :
जो किसान नारियल और सुपारी कि खेती करते हैं, उनके लिए इन पेड़ों पर चढ़ना इतना आसान नहीं होता है , क्योंकि यह पेड़ एकदम सीधे होते हैं . गणपति ने इस अविष्कार को एक चुनौती के रूप में लिए. उनके लिए इस यन्त्र को बनाना बिलकुल भी आसान नहीं था. लेकिन उन्होंने इस मशीन को बनाया. इस मशीन के माध्यम से अब वह आसानी से पेड़ पर चढ़कर कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं और फल तोड़ सकते हैं. इस मशीन को कोई भी किसान आसानी से इस्तेमाल कर सकता है.गणपति कि बेटी का कहना है कि वह अपने पिता के अविष्कार से बहुत खुश है. वो बताती है कि पहले उनको पेड़ पर चढ़ने के लिए 8 मिनट का समय लगता था, लेकिन इस मशीन कि सहायता से मात्र 30 सेकंड में वो पेड़ पर चढ़ जाते हैं.
गणपति को मिलेगा इससे फायदा :
उद्योगपति आनंद महिंद्रा हमेशा इस तरीके कि प्रतिभाओं को सहयोग करते आए हैं. उनके इस ट्वीट से गणपति को भी फायदा मिलेगा. यदि महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट कि टीम इसको अपने पोर्टफोलियो में शामिल करती है तो इससे उनको आर्थिक लाभ मिलेगा. यदि महिंद्रा के अलावा कोई और कंपनी भी उनसे संपर्क करती है तो इस मशीन के निर्माण अधिकार खरीदकर और अच्छा आर्थिक लाभ दे सकते हैं.