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Updated on: 6 March, 2021 5:55 PM IST
Banana Farming

यह कहना मुनासिब रहेगा कि इस दुनिया में दो तरह के लोग रहते हैं, पहले वे जो मुसीबतों के आगे नतमस्तक होकर अपनी जीवनलीला को सामाप्त कर जाते हैं, तो कुछ ऐसे जो इन मुसीबतों का सामना करना अपनी मेहनत व काबिलियत के दम पर अपने लिए खुद राह बनाते हैं.

कुछ ऐसा ही किया गौतम गौतमबुद्ध की धरती कुशीनगर के किसानों ने. जब उनका गन्ने की खेती से मोह भंग हो गया. उन्हें इसमें उचित मार्जिन नहीं मिल पा रहा था तो इन किसानों ने गन्ने की खेती का परित्याग कर केले की खेती का रूख किया और बस यूं समझ लीजिए केले की खेती  करते ही इनकी किस्मत बदल गई. इनको अब पहले की तुलना में अधिक लाभ मिलने लगा. अब इन किसानों के लिए केले की खेती तरक्की का जरिया बन गई है. कल तक गन्ने की खेती कर निराश रहने वाले किसानों की किस्मत अब केले ने बदलकर रख दी है.

बता दें कि केले की खेती के प्रति लोगों के बढ़ते रूझान को मद्देनजर रखते हुए किसानों का रूझान इस ओर तेजी से बढ़ रहा है. जिसके चलते जिले में केले के रकबे में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. उद्यान विभाग के मुताबिक, पिछले एक वर्ष में केले की खेती में 1400 रकबे की वृद्धि हुई है. खड्डा, दुदही, विशुनपुरा, तमकुही रोड में सबसे ज्यादा केले की खेती हुई है. किसान समूहों के मुताबिक, 9500 हेक्टेयर पर केले की खेती की जा रही है.

यहां गौर करने वाली बात यह है कि हमारे किसान भाई नुकसान होने के बावजूद भी केले की खेती करना पसंद कर रहे हैं. जिले में लगातार केले का रकबा बढ़ रहा है. आंधी, बारिश, तूफान के दौरान किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग अन्य फसलों की तुलना में केले की  खेती करना पसंद कर रहे हैं.

इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए रमाकांत कुशवाहा कहते हैं कि प्रतिवर्ष 10-12 लाख पौधे बेचे जा रहे हैं. बता दें कि साल 2006 में गन्ना किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाने के कारण किसानों ने केले की खेती का रूख किया था और तब से लेकर आज तक किसान केले की खेती में मसरूफ हैं. अब तो यूं समझ लीजिए कि इस केले की फसल ने किसानों की किस्मत ही बदलकर ऱख दिया.

  

English Summary: Farmer change there life by doing the Banana Farming
Published on: 06 March 2021, 06:09 PM IST

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