जायटॉनिक टेक्नोलॉजी: क्यों है खेती का समग्र और स्थायी समाधान? सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 25 August, 2021 6:25 PM IST
Drought in a Farmer Land

जहां नजर जा रही है, वहां महज बंजर भूमि ही नजर आ रही है. तपिश भरी धूप में सूख चुकी धरा पर बैठकर किसी उम्मीद के आने की बाट जोह रहे किसान भाइयों के चेहरे पर बेहाली अपना ठिकाना बना चुकी है. जुबां पर खामोशी की चादर लपेटकर कुदरत की मेहरबानी के इंतजार में बैठे किसान भाई खुद की लाचारी के आगे घुटने टेक चुके हैं.

कल तक फसलों से लहलहाने वाले उनके खेत-खलिहान आज एक-एक बूंद पानी के लिए तरस चुके हैं. यह हाल किसी एक जिले का थोड़ी न है कि सुकून की चादर लपेट कर आराम फरमा लिया जाए, बल्कि ऐसा आलम तो प्रदेश के 27 जिलों का है. जी हां.. हम ओडिशा की बात कर रहे हैं, जहां के 27 जिले मौजूदा वक्त में सूखे की चपेट में हैं. किसान भाई त्राहि-त्राहि कर रहे हैं,. बारिश की एक बूंद भी किसान भाइयों को नसीब नहीं हो रही है.

एक तो पहले से ही इस साल बारिश ने देरी से एंट्री मारी है, जिससे प्रदेश के किसन बेहाल हैं. वहीं, आईएमडी ने किसान भाइयों की चिंता को यह कहकर और बढा दिया कि 30 अगस्त तक किसान भाइयों को प्रदेश में बारिश की एक बूंद भी नहीं दिखेगी. आईएमडी के मुताबिक, 1 जून से 24 अगस्त के बीच 584 मिलिमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है, जो कि  प्रदेश में सामान्य बारिश से 31 फीसद से कम है. 

आईएमडी के मुताबिक, प्रदेश के इन 27 जिलों में से सबसे ज्यादा 7 जिले प्रभावित हैं और संयोग देखिए इन सात जिलों में सबसे ज्यादा खेती होती है. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. किसान भाइयों को न ही कुदरत की मेहरबानी नसीब हो रही और न ही हुकूमत की. अब ऐसे में किसान भाई अगला कदम क्या कुछ उठाते हैं.

यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. बता दें कि जिन सात जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, उसमें जजपुर 55 %,  भद्रक 51%, बालांगिर 44%, केन्दुझर 42%, झारसुगुड़ा 40%, कालाहांडी 40% और अंगुल 40 शामिल है.

English Summary: Farmer brothers' fields were drought-hit
Published on: 25 August 2021, 06:29 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now