किसान देश की रीढ़ हैं. उनकी मेहनत ही खेतों में हरियाली लाती है. लेकिन आजकल बाजार में नकली और खराब गुणवत्ता वाले बीजों की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सरकार ने किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जिसमें उन्हें बताया जा रहा है कि असली और नकली बीजों में कैसे फर्क करें.
यदि किसान सावधानी से प्रमाणित बीज खरीदें, तो वे न केवल अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि मेहनत और पैसे दोनों की भी बचत कर सकते हैं. आइए जानें नकली बीजों से बचने के तरीके.
बीज खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
मंत्रालय ने कहा है कि किसान जब भी बीज खरीदें, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखें. सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि बीज का प्रमाणन टैग यानी सर्टिफिकेट टैग लगा हो. बिना प्रमाणन वाले बीज अकसर नकली होते हैं और इनमें अंकुरण की क्षमता बहुत कम होती है.
दूसरी बात, बीज की अंतिम तिथि (एक्सपायरी डेट) जरूर जांचें. एक्सपायर बीज खेत में बोने से फसल खराब हो सकती है. ऐसे बीजों से किसान को न तो पैदावार मिलती है और न ही मेहनत का फल.
तीसरा, बीज को हमेशा सीलबंद और सुरक्षित पैकेजिंग में ही खरीदें. खुले या बिना पैक बीजों में मिलावट की आशंका होती है. साथ ही, बीज खरीदते समय केवल लाइसेंस प्राप्त और अधिकृत विक्रेताओं से ही बीज लें.
बीज की यहां करवाएं जांच
सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि यदि उन्हें बीजों की गुणवत्ता को लेकर कोई संदेह हो तो वे बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं से उसकी जांच करवा सकते हैं. इससे उन्हें यह पता चल जाएगा कि बीज में अंकुरण की क्षमता है या नहीं.
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि प्रमाणित बीज ही खेतों की सुरक्षा और अच्छी पैदावार की गारंटी होते हैं. नकली बीजों का उपयोग न सिर्फ फसल को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि किसान की मेहनत, समय और पैसे की भी बर्बादी करता है.
किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर
यदि किसी किसान को बीज से संबंधित कोई समस्या या शिकायत हो तो वह टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 (सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक) पर संपर्क कर सकता है. सरकार का उद्देश्य है कि हर किसान तक सही जानकारी पहुंचे और कोई भी मेहनतकश किसान नकली बीजों का शिकार न हो.