धान के महत्व और उसमें होने वाली बीमारियों व कीट प्रबंधन को समझने के लिए कृषि जागरण ने एक वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबिनार में बरसात के मौसम की वजह से धान में लगने वाले कीटों के रोकथाम के लिए विशेषज्ञयों ने किसानों को कई जरुरी सलाह दी. तो आइए जानते हैं वेबिनार में किन बातों पर चर्चा की गई और किसानों को किन-किन बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए.
वेबिनार में शामिल हुए मुख्य अतिथि गण
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डॉ. अरूप के. मुखर्जी, प्रधान वैज्ञानिक, मॉलिक्यूलर प्लांट पैथोलॉजी, फसल संरक्षण विभाग
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भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक
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डॉ. नजम वारिस जैदी, वरिष्ठ सहयोगी वैज्ञानिक, प्लांट पैथोलॉजी, अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली,
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डॉ. सुभाष चंदर, निदेशक, आईसीएआर-एकीकृत कीट के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र प्रबंधन, नई दिल्ली
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डॉ सच्चिदानंद प्रसाद, कृषि विज्ञान, कृषि विज्ञान केंद्र, सीतामढ़ी, बिहार,
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अमित मिश्रा और शरद सिकरवार फसल प्रबंधक-विपणन, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड
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धर्मेंद्र सिंह, क्षेत्रीय विपणन कार्यकारी, इफको-एमसी फसल विज्ञान, बरेली
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पुष्पेंद्र के.आर. सालारपुरिया, उत्पाद प्रबंधक, जेयू एग्री साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ें. जिन्होंने धान की फसल से संबंधित विषयों पर चर्चा की.
इस वेबिनार में संचालक (Moderator) के तौर पर कृषि जागरण के COO डॉ. पी. के. पंत थे. इन्होंने धान की फसल से संबंधित विषय पर देश के किसान भाइयों को संबोधित करते हुए कई लाभकारी विषयों के बारे में जानकारी दी.
इस वेबिनार में डॉ. राजीव कुमार ने बताया है कि कैसे किसानों को धान की फसल में कीटनाशक पदार्थ का सही मात्रा में प्रयोग करना जरूरी है. इसके बाद डॉ अरूप के. मुखर्जी ने बीज उपचार और उसके लाभों के बारे में बताया की कैसे इसके प्रयोग से फसल में कीट लगने की संभावना कम हो जाती है. इस संदर्भ में किसानों को विशेष जानकारी दी और साथ ही डॉ. नजम वारिस जैदी ने किसानों को यह बताया कि उन्हें अपने क्षेत्र से संबंधित रोग- प्रतिरोधी का चयन करना चाहिए इसके बारे में जानकारी दी. वहीं इस वेबिनार में डॉ सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि धान की जो स्वर्ण वेरायटी है, उसका प्रयोग सीतामणी क्षेत्रों में काफी सफल रहा है, तो वहां के किसान भाई इस वेरायटी का प्रयोग कर लाभ उठा सकते हैं. इन सब के अतिरिक्त कृषि जागरण के इस वेबिनार में सुबोध गुप्ता, अमित मिश्रा और शरद सिकरवार जुड़े जो धानुका एग्रीटेक से हैं. उन्होंने इस वेबिनार में अपने प्रोडक्ट के बारे में किसानों को जानकारी दी, जो कीट प्रबंधन और धान में होने वाली बीमारियों के लिए बेहद कारगर साबित होता आया है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वह इसका इस्तेमाल अपने खेत में कर सकते हैं.
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इसके अलावा इस वेबिनार में बिहार के किसान राजीव कुमार ने धान में होने वाले रोग के विषय में पूछा और जानकारी प्राप्त की. कृषि जागरण के इस वेबिनार में कई तरह की चर्चाएँ की गई, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके. यदि आप हमारा यह पूरा वेबिनार देखना चाहते हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर इस वेबिनार को विस्तार से देख सकते हैं.