किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और साथ ही उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर कई तरह की योजनाओं को शुरू करती है. इसी क्रम में महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की खरीद पर किसानों को 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवा रही है. राज्य सरकार की इस बेहतरीन पहल से कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है.
बता दें कि राज्य सरकार की इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा, जो कुछ इस प्रकार से होंगी. यहां जानें पूरी डिटेल ...
खेती का खर्च 70% तक होगा कम
महाराष्ट्र में किसानों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देते हुए, राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (ई-ट्रैक्टर) कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं. ठाणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में पहले ई-ट्रैक्टर के पंजीकरण के मौके पर आयोजित समारोह में मंत्री ने इस नई तकनीक के लाभ गिनाए और कहा कि इससे खेती का खर्च 60-70% तक कम हो जाएगा.
सरनाईक ने बताया कि पारंपरिक डीजल ट्रैक्टर की तुलना में ई-ट्रैक्टर काफी किफायती साबित होंगे. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक एकड़ जमीन की जुताई के लिए डीजल ट्रैक्टर में जहां 1200 से 1500 रुपये का खर्च आता है, वहीं ई-ट्रैक्टर से यह खर्च घटकर 300 रुपये तक आ सकता है.
मिलेगी सब्सिडी और ब्याज मुक्त लोन
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ई-ट्रैक्टर खरीदने वालों को ₹1.5 लाख तक की सब्सिडी देगी. इसके साथ ही अन्नासाहेब पाटिल आर्थिक विकास निगम के माध्यम से किसानों को ब्याज मुक्त ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें ट्रैक्टर खरीदने में आर्थिक सहायता मिलेगी. यह योजना खासतौर पर छोटे और मध्यम किसानों के लिए लाभकारी होगी, जो अब तक आधुनिक कृषि उपकरणों से वंचित रहे हैं.
2030 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जोर
सरनाईक ने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक सड़कों पर चलने वाले कुल वाहनों में से 20-30% वाहन इलेक्ट्रिक हों. यह न केवल पर्यावरण के लिहाज से फायदेमंद है, बल्कि किसानों और आम लोगों के लिए दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित करेगा.
कौन है निर्माता?
इस अवसर पर पंजीकृत पहला ई-ट्रैक्टर “ऑटोनेक्स्ट ऑटोमेशन” नामक कंपनी द्वारा निर्मित है, जो रिन्युएबल एनर्जी और ग्रीन टेक्नोलॉजी पर आधारित समाधान प्रदान करती है. ई-ट्रैक्टर की यह पहल न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में पर्यावरण-अनुकूल और सस्ती खेती की दिशा में एक बड़ी छलांग के रूप में देखी जा रही है.