भारत सरकार आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने जा रही है. इस प्रक्रिया से जुड़े सभी नियम भी जारी कर दिए गए हैं और केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 31 मार्च, 2023 तक सौ फीसदी मतदाताओं से स्वैच्छिक तरीके से आधार नंबर जुटाने का लक्ष्य तय किया है.
केंद्रीय निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों(Election officers) को दिशा-निर्देश जारी करते हुए मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने के कानूनी प्रावधान साझा किए हैं और उन्हें बताया है कि इसके तय समय हमें अपने लक्ष्य को निर्धारित करना है. आपको बता दें कि कोई भी व्यक्ति जो कि वोट देने के लिए योग्य हो चुका है वो खुद से भी इस प्रक्रिया को पूरा कर सकता है. इसके लिए उसे फॉर्म-6बी भरकर एक अप्रैल 2023 से पहले जमा कराना होगा. हालांकि, आधार न देने पर सूची से मतदाता की कोई जानकारी नहीं हटाई जाएगी क्योंकि विधि मंत्रालय के अनुसार, आधार की जानकारी देना स्वैच्छिक है.
घर- घर जाकर किया जाएगा लोगों को सजग
आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने मीडिया को जानकरी देते हुए बताया है कि जुलाई में चुनाव आयोग से जुड़े सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और 1 अगस्त से 31 दिसंबर तक लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों का आयोजन करने का उद्देश्य लोगों को इस अभियान से ज़्यादा से ज़्यादा जोड़ना है.
मतदात की जानकारी लीक होने पर अधिकारी पर की जाएगी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने इस अभियान की निगरानी करने के लिए एक ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया है जिसके तहत सभी नागरिकों का पंजीकरण किया जाएगा और अगर इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी व्यक्ति की जानकरी लीक होती है तो पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.