यूं तो खबरों की इस दुनिया में हमेशा से ही किसानों की बदहाली सुर्खियों में रही है, लेकिन अगर लॉकडाउन के दौरान किसानों को हुई समस्याओं की बात करें, तो साल 2020 में हमारे अन्नदाताओं को बेशुमार समस्याओं का सामना करना पड़ा है. और आज भी एक साल बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है.
आज भी कोरोना ने पूरी दुनिया को जकड़ कर रखा हुआ है, आज भी देश के कई राज्य लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं, इसी वजह से आज भी हमारे किसान भाइयों को बेशुमार समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है, लेकिन अब हमारी यह खास रिपोर्ट उन सभी किसान भाइयों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होने जा रही है, जिन्हें बीते लॉकडाउन के दौरान से लेकर अब तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/0VKBdfnfBXw
वो कैसे?...तो इसे जानने के लिए पढ़िये हमारी यह खास रिपोर्ट...
दरअसल लॉकडाउन के दौरान हमारे किसान भाई छतों पर, पार्किंग में या फिर कहीं भी उपलब्ध सीमित जगह का इस्तेमाल कर खेती कर सकते हैं और खास बात यह है कि इस तरह की खेती में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होता और मिट्टी न होने से छतों पर छोटी-सी जगह में आसानी से खेती की जा सकती है. ये तकनीक इतनी सफल है कि सही जानकारी, सही सलाह से आप घर बैठे सालाना 2 लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकते हैं.
आपको बता दें इस तकनीक को हाइड्रोपानिक्स तकनीक कहा जाता है. इस तकनीक की खास बात यह है कि इसमें मिट्टी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता है. इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/Ve0ZjTyEAIw
अगर आप छत पर खेती कर लाखों का मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे- छत पर खेती करने के लिए आप ऐसी क्यारी बनांए जो वॉटर प्रूफ हो, जिससे पानी का छत पर टपकने से कोई खतरा न हो. जैविक सामग्री से लैस इन क्यारियों में आप भिंडी, टमाटर, बैंगन, मेथी, पालक, चौलाई, पोई साग, गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली, आलू, शिमला मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा और अनानास आदि उगा सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/TUyTZPCQiDg
सब्जियों को उगाते समय नारियल का खोल मुख्य तौर पर डालें जिससे छत पर ज्यादा वजन ना पड़े और पानी रिसने की समस्या भी ना हो साथ ही इसमें नारियल के खोल के अलावा कुछ मिश्रण और मिलांए जिससे फसल तेजी से और बेहतर गुणवत्ता के साथ तैयार हो सके.
आपको बता दें इस तकनीक में फास्फोरस, नाइट्रोजन, मैग्निशियम, कैलशियम, पोटाश, जिंक, सल्फर, आयरन और कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं.