मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि दूध उत्पादन में भी इजाफा होगा. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए पूरे प्रदेश में दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत धार जिले में भी की जा रही है. इस अभियान के अंतर्गत पशुपालन विभाग की टीमें प्रदेशभर के गांवों में पहुंचकर पशुपालकों से सीधा संवाद करेंगी और उन्हें आधुनिक तकनीक, नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी जरूरी जानकारी प्रदान करेंगी.
किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाना अभियान लक्ष्य
मध्यप्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में पशुपालन किसानों की आय का एक अहम स्रोत है. सरकार का मानना है कि केवल फसल उत्पादन पर निर्भर रहने के बजाय यदि किसान पशुपालन में वैज्ञानिक तरीके अपनाएं तो उनकी आमदनी कई गुना बढ़ सकती है. इसी सोच के साथ यह अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसमें किसानों को दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुओं के बेहतर प्रबंधन की विधियां सिखाई जाएंगी. वहीं इस अभियान के दौरान पशुपालकों को बताया जाएगा कि किस प्रकार उन्नत नस्लों का चयन, समय पर टीकाकरण, उचित पोषण और स्वच्छता से दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है.
तीन चरणों में होगा संचालन
पहला चरण- इसकी शुरूआत 2 अक्टूबर गांधी जयंती के खास मौके पर की जाएंगी ग्राम सभाओं से इन सभाओं में ग्रामीणों को दुग्ध उत्पादन की महत्ता, सरकारी योजनाओं और तकनीकी मार्गदर्शन की जानकारी दी जाएगी.
दूसरे चरण – इस चरण में पशुविभाग के विशेषज्ञ गांव-गांव जाकर प्रत्यक्ष प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देंगे साथ ही पशुपालकों को दुधारू पशुओं की देखभाल, चारे की गुणवत्ता और स्वास्थ्य प्रबंधन पर जानकारी दी जाएगी.
तीसरे चरण- जोकि 9 अक्टूबर को होगा और यह अंतिम चरण होगा जिसमें किसानों और पशुपालकों के साथ समग्र समीक्षा की जाएगी. इसमें यह देखा जाएगा कि किस हद तक जागरूकता फैली है और आगे सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं.
प्रमुख सचिव ने दिए सख्त निर्देश
पशुपालन और दूध विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सूचना केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि यह हर ग्रामीण तक पहुंचे. इसके लिए प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाएगा. साथ ही गांवों में परंपरागत तरीके जैसे मुनादी और पोस्टर-बैनर का सहारा भी लिया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विभाग के अधिकारी केवल जानकारी देने तक सीमित न रहें, बल्कि हर गांव में जाकर किसानों से प्रत्यक्ष संवाद करें और उनके सवालों का समाधान दें.
धार समेत पूरे प्रदेश में होगा आयोजन
यह अभियान प्रदेश के सभी जिलों में चलेगा, लेकिन विशेष रूप से धार जिले में इसकी तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. यहां पशुपालन विभाग के उप संचालक ने बताया कि जिले के हर गांव में अमला पहुंचकर किसानों को जागरूक करेगा. उन्होंने कहा कि यह केवल सरकारी योजना नहीं है, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका और पोषण सुरक्षा से जुड़ा हुआ प्रयास है.
दूध उत्पादन दोगुना करने की योजना
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि आगामी वर्षों में मध्यप्रदेश का दूध उत्पादन दोगुना किया जाए. वर्तमान में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादन पारंपरिक तरीकों पर आधारित है, जिससे पशुपालकों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता, लेकिन यदि उन्हें सही प्रशिक्षण, वैज्ञानिक मार्गदर्शन और बाजार तक पहुंच मिल जाए तो वे अधिक उत्पादन कर सकेंगे.
किसानों को होगा सीधा लाभ
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पशुपालकों को दूध की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने की तकनीक मिलेगी.
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कम खर्च में अधिक उत्पादन के उपाय सिखाए जाएंगे.
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किसानों को बाजार की मांग और दूध के उचित दाम के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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पशु स्वास्थ्य व टीकाकरण पर जोर देकर बीमारियों से होने वाले नुकसान को रोका जाएगा.
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ग्रामीण युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे.