राजस्थान की प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और फैशन डिजाइनर डॉ. रूमा देवी ने गुवाहाटी में आयोजित 12वें पूर्वी हिमालय नेचुरल इकोनॉमिक्स फोरम में अपने उद्बोधन में राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र और पूर्वोत्तर के हिमालयी क्षेत्र की आजीविका के बीच संबंधों और उनके विकास के लिए संभावनाओं पर विचार साझा किए. इस फोरम में 15 देशों के 80 से अधिक प्रमुख पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नीति निर्माताओं ने हिस्सा लिया. डॉ. रूमा देवी ने अपने भाषण में विशेष रूप से राजस्थान के थार रेगिस्तान की चुनौतियों, वहां की महिलाओं के संघर्ष और आत्मनिर्भरता के मॉडल को प्रस्तुत किया.
उन्होंने बताया कि कैसे महिलाओं ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में स्वावलंबी होने की दिशा में कदम बढ़ाया है और इसने समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार किया है.
प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग पर जोर
डॉ. रूमा देवी ने अपने उद्बोधन में डॉ. रूमा देवी फाउंडेशन द्वारा राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को हस्तशिल्प और अन्य कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके पारंपरिक कौशल में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर दिया गया, जिससे वे न केवल खुद को बल्कि पूरे समुदाय को सशक्त बनाने में सफल हुईं.
उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए स्थायी आजीविका मॉडल अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उनका मानना है कि इन क्षेत्रों में भी महिलाओं को समान अवसर मिलने चाहिए, ताकि वे अपने पारंपरिक कारीगरी कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर सकें.
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राजस्थान और पूर्वोत्तर की परिस्थितियों में समानताएं
कार्यक्रम में डॉ. रूमा देवी ने यह भी कहा कि भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान और पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्र भले ही भिन्न हों, लेकिन इन दोनों क्षेत्रों में आजीविका के संदर्भ में समान चुनौतियां और संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण और सामूहिक प्रयासों से इन क्षेत्रों में सतत विकास संभव है.
कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
फोरम में कांगो की रानी डिंअम्बो कबातुसुइला, लॉर्ड निकोलेक्स स्टर्न, अभिनेत्री दिया मिर्जा और पर्यावरण विशेषज्ञ एरिक गार्सिटी जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रमुख वक्ताओं ने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और सतत विकास पर विचार साझा किए.
डॉ. रूमा देवी फाउंडेशन की प्रवक्ता अनिता और कविता ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. रूमा देवी ने पूर्वोत्तर भारत के सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के कार्यों का अवलोकन किया और राजस्थान के मॉडल्स को साझा करते हुए नई साझेदारियों पर चर्चा की.
यह फोरम महिलाओं के सशक्तिकरण, पर्यावरणीय स्थिरता और स्थानीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहां विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने आपसी सहयोग और सतत विकास के नए मार्गों पर विचार किया.