डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (DRPCAU), पूसा, में सोमवार को आयोजित केंद्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति की महत्वपूर्ण बैठक में किसानों की समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। कुलपति डॉ. पीएस पांडे ने वैज्ञानिकों को किसानों की समस्याओं को चिह्नित कर उन पर तत्परता से काम करने और वैज्ञानिक अनुसंधान करने का निर्देश दिया है, ताकि कृषि क्षेत्र में उन्नति हो सके और किसानों की आय बढ़ाई जा सके।
वैज्ञानिक अनुसंधान पर जोर
कुलपति डॉ. पांडे ने बैठक में उपस्थित कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs) के वैज्ञानिकों, कृषि एवं प्रसार सलाहकारों और अन्य प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान कृषि विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि किसानों की समस्याओं को चिह्नित करने और उन पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के बाद ही कृषि क्षेत्र में वास्तविक उन्नति हो सकती है और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
किसानों से सीधे संवाद पर बल
बैठक में उपस्थितअखिलेश प्रसाद सिंह, राजेश सिंह, लखनलाल राय, सरफराज आलम, रीना देवी, वीरेंद्र कुमार और अन्य प्रसार सलाहकारों ने किसानों से जुड़ी कई अहम समस्याओं को उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार के कृषि रोड मैप में किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं को जगह नहीं मिल पाई है।
बीज की उपलब्धता: किसानों को सरल तरीके से शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाले बीज नहीं मिल पाना एक बड़ी समस्या है।
फसल नुकसान का मुआवजा: किसानों को फसल खराब होने पर सही मुआवजा नहीं मिल पाता।
अन्य समस्याएं: जलवायु परिवर्तन, सिंचाई, कीटों का प्रकोप, और लोच आदि फलों के पेड़ों की सुरक्षा जैसी समस्याएँ भी सामने आई।
कुलपति डॉ. पांडे ने सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए, कृषि विज्ञान केंद्रों को इन समस्याओं पर फोकस करते हुए अनुसंधान एवं प्रदर्शन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने कृषि अनुसंधान को KVKs के माध्यम से किसानों तक पहुंचाएगा।
समाधान का भरोसा
कुलपति ने सभी जनप्रतिनिधियों और प्रसार सलाहकारों को समस्याओं के त्वरित समाधान का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि KVKs को किसानों की समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।