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Updated on: 9 June, 2025 2:24 PM IST
धान की खेती में सही विधि और उन्नत किस्मों के चयन से मिलेगा बेहतरीन उत्पादन (सांकेतिक तस्वीर)

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर की तरफ से किसान के लिए धान की खेती को लेकर सलाह जारी किया गया है. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे प्रभेद का विकास किया है जो कम समय में तैयार हो जाता है और उपज भी अच्छी होती है. विश्वविद्यालय के धान वैज्ञानिक डॉ. नीलंजय ने बताया कि समस्तीपुर और इस के आस पास के जिलों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विकसित राजेंद्र भगवती, राजेन्द्र सरस्वती, राजेन्द्र नीलम और प्रभात किस्में सबसे उपयुक्त हैं.

चूड़ा के लिए राजेंद्र नीलम काफी उपयुक्त

राजेंद्र नीलम किस्म कि धान 110 दिन में तैयार होती है और इसमें 35 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज संभव है. राजेंद्र नीलम का चूड़ा काफी प्रचलित है. राजेंद्र भगवती और राजेंद्र सरस्वती प्रभेद से तैयार चावल खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है और हल्का सुगंधित होता है. यह किस्म 110 से 115 दिन में पक कर तैयार होती है. 

बाजार में उनकी अच्छी मांग रहती. दोनों प्रभेद कम पानी और कम लागत में बेहतर उत्पादन देते हैं. डॉ.नीलंजय के मुताबिक यह सभी किस्में कम पानी और कम खर्चे में अच्छी उपज देने वाली सक्षम किस्म है. खास बात यह है कि इन्हें सीधी बुवाई के साथ-साथ ट्रांसप्लांट करके भी लगाया जा सकता है.

10 जून से 25 जून के बीच बिचड़ा गिरने का है उपयुक्त समय

बुवाई का सही समय वैज्ञानिक के अनुसार यदि किसान भाई रोपने के लिए नर्सरी बनाना चाहते हैं तो राजेंद्र भगवती, राजेन्द्र सरस्वती, राजेन्द्र नीलम और प्रभात, किस्म का 10 जून से 25 जून के बीच बिचड़ा गिरा सकते हैं. किसान भाई 22 से 25 दिन बाद बिचडा को उखाड़ कर खेत में रोप सकते हैं. वहीं यदि कोई किसान सीधी बुवाई करना चाहता है तो 20 जून तक कर सकते हैं.

वर्तमान में अगले चार-पांच दिनों तक समस्तीपुर और आसपास के जिलों मे वर्षा होने की बहुत ही कम संभावना है हालांकि मानसून के समय से आने की संभावना जताई जा रही है. तथा जून माह में मानसून सामान्य रहेगा लंबी अवधि वाले धान की किस्म जैसे राजश्री, राजेंद्र मसूरी-1, बीपीटी-5204, आदि के बिचड़ा गिराने का भी यह समय उपयुक्त है. जहां सिंचाई की सुविधा हो वहां तत्काल लंबी अवधि वाले किस्म का बिचड़ा किसान भाई गिरा सकते हैं.

गुणवत्तापूर्ण चावल के लिए है अच्छी विकल्प

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान भाई गुणवत्तापूर्ण चावल के लिए विश्वविद्यालय की किस्म राजेंद्र कस्तूरी, राजेंद्र सुभाषिनी, राजेंद्र श्वेता, सुगंध आदि भी लगा सकते हैं.

लेखक: रामजी कुमार, समस्तीपुर (FTJ)

English Summary: dr rajendra prasad agri university pusa rice farming advice best rice varieties for samastipur farmers
Published on: 09 June 2025, 02:37 PM IST

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