भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने डॉ. राजबीर सिंह को उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) के पद पर नियुक्त किया है. यह नियुक्ति उनके आईसीएआर के केएबी-II, नई दिल्ली में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) डिवीजन में सहायक महानिदेशक (कृषि विज्ञान, कृषि वानिकी और जलवायु परिवर्तन) के रूप में सफल कार्यकाल के बाद हुई है.
डॉ. राजबीर सिंह का करियर और उपलब्धियां
डॉ. राजबीर सिंह ने कृषि अनुसंधान और विस्तार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनका करियर तीन दशकों से अधिक का है, जिसमें उन्होंने कई प्रमुख संस्थानों में सेवाएँ दी हैं.
- 1995-2004: वैज्ञानिक और वरिष्ठ वैज्ञानिक, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अबोहर.
- 2008-2012: प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय जल प्रबंधन संस्थान, भुवनेश्वर.
- 2015-2023: निदेशक, आईसीएआर - कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना.
- आईसीएआर के एनआरएम डिवीजन, नई दिल्ली में प्रधान वैज्ञानिक के रूप में भी योगदान दिया.
प्रमुख पुरस्कार और सम्मान
डॉ. सिंह को कृषि विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.
- 2022 – रफी अहमद किदवई पुरस्कार (कृषि विज्ञान में उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए)
- 2019 – नानाजी देशमुख आईसीएआर पुरस्कार (उत्कृष्ट अंतःविषय टीम अनुसंधान के लिए)
- 2016 – स्वामी सहजानंद सरस्वती उत्कृष्ट विस्तार वैज्ञानिक पुरस्कार
इसके अलावा, उन्होंने पराली प्रबंधन और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के सशक्तिकरण में योगदान दिया, जिसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री से सराहना प्राप्त हुई.
अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय योगदान
- 2023 में सीओपी-28 (दुबई, यूएई) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रहे.
- यूएनएफसीसीसी की महत्वपूर्ण पहलों में भागीदारी.
- जलवायु-स्मार्ट कृषि, प्राकृतिक खेती और कृषि अनुकूलन रणनीतियों पर राष्ट्रीय समितियों में नेतृत्वकारी भूमिका.
शोध रुचियां और विशेषज्ञता
डॉ. सिंह की शोध रुचियां भारत में स्थायी कृषि को बढ़ावा देने से जुड़ी हैं. उनके शोध कार्यों में शामिल हैं:
- संरक्षित कृषि (Protected Agriculture)
- जलवायु-स्मार्ट कृषि (Climate-Smart Agriculture)
- परिशुद्ध खेती (Precision Farming)
- कृषि प्रणालियां (Farming Systems)
- प्राकृतिक खेती (Natural Farming)