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Updated on: 28 July, 2025 8:21 PM IST
MFOI के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने अपनी रूस यात्रा से पूर्व आज 'कृषि जागरण' के मुख्यालय, नई दिल्ली का दौरा किया।

भारत के कृषि क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले बस्तर के गौरव, सफल किसान और 'कृषि जागरण' की पहल मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स (MFOI) के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने अपनी रूस यात्रा से पूर्व आज 'कृषि जागरण' के मुख्यालय, नई दिल्ली का दौरा किया। इस अवसर पर 'कृषि जागरण' के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एम.सी. डोमिनिक ने उन्हें पौधा भेंट कर सम्मानित किया, और कृषि जागरण टीम तथा एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AJAI) ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत करते हुए उनकी रूस यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।

डॉ. राजाराम त्रिपाठी

मालूम हो कि डॉ. त्रिपाठी 29 जुलाई से 7 अगस्त 2025 तक रूस की ऐतिहासिक यात्रा पर जा रहे हैं। रूस की प्रतिष्ठित संस्था इंटरनेशनल बिज़नेस एलायंस (IBA), मॉस्को द्वारा उनके स्वागत की भव्य तैयारियां की जा रही हैं।

इंटरनेशनल बिज़नेस एलायंस, मॉस्को के अध्यक्ष द्वारा भेजे गए औपचारिक आमंत्रण पत्र में डॉ. त्रिपाठी को भारत-रूस कृषि सहयोग को नए आयाम देने हेतु एक विशेष बैठक में सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया गया है। इस यात्रा के दौरान रूस के अग्रणी कृषि विशेषज्ञ, उद्यमी और ऑर्गेनिक उत्पादों से जुड़े दिग्गज डॉ. त्रिपाठी के साथ संवाद स्थापित कर, परस्पर सहयोग की रणनीतियां तैयार करेंगे।
रूस की संस्था द्वारा दिया गया यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि टिकाऊ कृषि, आयुर्वेदिक उत्पादों और ऑर्गेनिक निर्यात के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से सराहा जा रहा है। बस्तर जैसे दूरस्थ अंचल से वैश्विक मंच तक पहुंचे डॉ. त्रिपाठी की यह यात्रा न केवल भारत, बल्कि रूस के कृषि क्षेत्र के लिए भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।

इस अवसर पर डॉ. त्रिपाठी ने कहा, “कृषि भारत की आत्मा रही है - यही वह आधार है जिसने हमें समृद्धि और सम्मान दिलाया। आज भी यदि हम वैज्ञानिक सोच, पारंपरिक ज्ञान और नवाचार को साथ लेकर चलें, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि वैश्विक कृषि नेतृत्व में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है।”
'कृषि जागरण' समूह की विशेष पहल पर मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के शीर्ष कृषि विशेषज्ञों और उद्यमियों के साथ होने वाली इन बैठकों से भारत-रूस के बीच सतत कृषि, ऑर्गेनिक हर्बल निर्यात और नवाचार सहयोग के नए अवसर सृजित होंगे।
गौरतलब है कि बस्तर के पिछड़े अंचल में जन्मे डॉ. त्रिपाठी आज वैश्विक मंच पर भारतीय कृषि की एक सशक्त आवाज़ बन चुके हैं। वे भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय प्रमाणित ऑर्गेनिक हर्बल फार्म ‘माँ दंतेश्वरी हर्बल फार्म’ के संस्थापक हैं। उन्होंने विश्वस्तरीय काली मिर्च प्रजाति MDBP-16 विकसित कर कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। सफेद मूसली के उत्पादन एवं गुणवत्ता के मामले में उनका फार्म वैश्विक स्तर पर सर्वोपरि माना जाता है।


कुछ ही माह पूर्व ब्राज़ील सरकार ने भी उन्हें कृषि भ्रमण हेतु आमंत्रित किया था, और अब रूस द्वारा दिया गया यह सम्मान भारत और विशेषकर बस्तर के लिए गौरव का विषय है। स्टीविया की विशेष 'बिटर-फ्री' किस्म, आयुर्वेदिक उत्पादों में शोध एवं नवाचार, तथा सात बार राष्ट्रीय स्तर पर कृषि मंत्रियों द्वारा सम्मानित होने का उनका रिकॉर्ड उन्हें देश के सबसे विशिष्ट और बहुश्रुत किसान नेताओं में शामिल करता है।
डॉ. त्रिपाठी की यह रूस यात्रा न केवल भारत-रूस कृषि संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाएगी, बल्कि छत्तीसगढ़ और बस्तर की मिट्टी के गौरव को भी वैश्विक मानचित्र पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करेगी।
'कृषि जागरण' उन्हें इस ऐतिहासिक यात्रा हेतु हार्दिक शुभकामनाएं देता है।

English Summary: Dr. Rajaram Tripathi to Give Agricultural Cooperation Krishi Jagran Extends Best Wishes
Published on: 28 July 2025, 08:35 PM IST

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