भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गुरुग्राम के शिकोहपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में तैनात विशेषज्ञ पौध संरक्षण एवं कीट वैज्ञानिक डॉ. भरत सिंह को एसजीटी यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ‘‘इनोवेटिव एप्रोचैस इन एग्रीकल्चर हॉर्टिकल्चर एंड ऐल्लाएड साइंस’’ के दौरान श्रेष्ठ केवीके साइंटिस्ट अवार्ड प्रदान किया गया.
यह अवार्ड डॉ भरत सिंह को आई.सी.ए.आर. के सहायक महानिदेशक हॉर्टिकल्चर रिसर्च मैनेजमेंट डॉ. एस. के. शर्मा, यूनिवर्सिटी के प्रो. वाइस चांसलर आर. के. शर्मा, डीन, एफ.ए.एस.सी. एसजीटी यूनिवर्सिटी आर एस. यादव व मीनाक्षी देवी, अध्यक्ष, एसजीटी यूनिवर्सिटी, सी.ई.ओ जस्ट एग्रीकल्चर एजुकेशन, डी.पी.एस. बडवाल एवं वृहत संख्या में मौजूद अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया.
डॉ. भरत सिंह, कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के रोजगार सृजन के क्षेत्र में पौध संरक्षण सेवाए मशरूम उत्पादन, वैज्ञानिक पद्धति से मधुमक्खी पाल जैविक तथा प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हमेशा कृषकों व युवाओं को प्रक्षित करते रहे हैं. उनके द्वारा गत 24 वर्षों के दौरान जिला गुरुग्राम एवं आसपास के क्षेत्र में कृषकों के लिए 214 व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसके तहत 4200 कृषक एवं युवा लाभान्वित हुए. फसल सुरक्षा के लिए मोबाइल सलाह सेवाए व फार्म परीक्षणों के माध्यम से लगभग 3000 से अधिक कृषकों को वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की गई.
कृषि विभाग, गुरुग्राम एवं आसपास के क्षेत्रों में मौजूद एनजीओ विभागों द्वारा कृषक हितार्थ संचालित कार्यक्रमों में भाग लेकर 1260 व्याख्यान देकर 7200 से अधिक कृषकों को कृषि क्षेत्र में नवीनतम पद्धति पर आधारित जानकारी से संबोधित किया गया. डॉ. सिंह के द्वारा विभिन्न फसलों के कीट व रोग प्रबंधन के क्षेत्र में 10 रिसर्च पेपर, 110 प्रचलित लेख व अनेकों की संख्या में संक्षेप सारांश पेपर जोकि नेशनल, इंटरनेशनल जनरल तथा प्रसिद्ध कृषि पत्रिकाओं व कृषि समाचार पत्रों में प्रकाशित कर एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है.
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डॉ. भरत सिंह ने श्रेष्ठ केवीके वैज्ञानिक अवार्ड की उपलब्धि पर पूसा संस्थान नई दिल्ली के निदेशक, अटारी जोधपुर (राजस्थान) के निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्र की अध्यक्षा डॉ. अनामिका शर्मा, अपने सहयोगी वैज्ञानिकों, केवीके के समस्त स्टाफ, कृषि सूचनाओं के प्रचार प्रसार में शामिल समस्त प्रिंट मीडिया एवं क्षेत्र के सभी कृषकों के प्रति अपना आभार प्रकट किया है.