Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 4 June, 2024 12:28 PM IST
(आईसीएआर-वीपीकेएएस), अल्मोड़ा के पूर्व निदेशक डॉ. अरुणव पटनायक, सांकेतिक तस्वीर

आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान परिसर, पटना ने वर्ष 2024-25 के लिए युवा वैज्ञानिक नवाचार परियोजना (वाईएसआईपी) का चयन करने के लिए संस्थान नवाचार प्रकोष्ठ के तहत 03 जून 2024 को एक बैठक आयोजित की. आईसीएआर-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएबी), रांची और आईसीएआर-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-वीपीकेएएस), अल्मोड़ा के पूर्व निदेशक डॉ. अरुणव पटनायक मुख्य अतिथि थे, आईसीएआर-राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास जूरी सदस्य थे, जबकि अटारी पटना से एक प्रतिनिधि भी शामिल थे.

इस बैठक में संस्थान के युवा वैज्ञानिकों (40 वर्ष से कम आयु) ने कृषि के अग्रणी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों जैसे कार्बन फार्मिंग, बायोफोर्टिफिकेशन, सेंसर आधारित सिंचाई, कृषि मेटाजीनोमिक्स, संरक्षण कृषि आदि में परियोजनाएं प्रस्तुत की और मूल्यांकन समिति के समक्ष अपने अभिनव विचार प्रस्तुत किए.

बता दें कि समिति ने प्रत्येक वैज्ञानिक कि परियोजना का गहन मूल्यांकन किया तथा परियोजना प्रस्ताव की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अपने बहुमूल्य फीडबैक और सुझाव दिए. डॉ. पटनायक ने अन्य समिति सदस्यों के साथ युवा वैज्ञानिकों के प्रयास की सराहना की तथा कुछ परियोजनाओं को मिलाकर बाह्य वित्त पोषण के लिए एक मेगा परियोजना बनाने का सुझाव दिया. डॉ. पटनायक ने अभिनव वाईएसआईपी योजना शुरू करने के लिए आईसीएआर आरसीईआर पटना की पहल की सराहना की, जिससे संस्थान के युवा वैज्ञानिकों को कृषि में अत्याधुनिक विचारों के साथ आने के अलावा बाह्य वित्त पोषण के लिए अपने विचारों को परिष्कृत करने में लाभ होगा.

डॉ. पटनायक ने आईएआरआई-हब पटना के छात्रों के साथ भी बातचीत की तथा सुझाव दिया कि उन्हें नवाचार की संस्कृति विकसित करने के अलावा आत्मसम्मान को संतुष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान, डॉ. पटनायक ने पड़ोसी वैज्ञानिक संस्थानों के साथ अच्छे सहयोग पर जोर दिया तथा कहा कि शिक्षण को शामिल करने से कौशल में सुधार होगा तथा हम अपडेट रहेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि सफलता का मुख्य मंत्र किसानों को लक्ष्य में रखते हुए अंतःविषय अनुसंधान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान के नवाचार प्रकोष्ठ का लक्ष्य बौद्धिक जिज्ञासा को बढ़ावा देना, रचनात्मक विचारों का समर्थन करना और युवा वैज्ञानिकों को उनके विचारों को जीवन में साकार करने के लिए उनकी पहल के माध्यम से एक मंच प्रदान करना है. बैठक औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई.

English Summary: Dr Arunava Patnaik says It is necessary to motivate young scientists for agricultural innovation latest news
Published on: 04 June 2024, 12:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now