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Updated on: 6 December, 2017 12:00 AM IST
Black Rice

मणिपुर में पैदा होने वाले विशेष काले चावल के दाम सुनकर कइयों के होश उड़ जाएंगे. 1800 रुपये प्रति किलो के आसपास के दाम पर बिकने वाले इस विशेष चाक हाओ (सेंटेड काला चावल) में पोषक तत्वों की मात्रा अन्य चावलों से ज्यादा है, इसलिए इसके गुणों को देखकर 1800 रुपये किलो का दाम भी सस्ता लगने लगता है.

राज्य के किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने और इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुणों से अधिकांश लोगों को लाभ प्रदान कराने के मकसद से मणिपुर सरकार का कृषि विभाग इस चावल की ब्रांडिंग में जुटा हुआ है. प्रदेश सरकार का कहना है कि चाक हाओ मणिपुर के संसाधन की आर्थिक थाती बन सकता है. सरकार इस चावल की जोर-शोर से ब्रांडिंग भी कर रही है. इंफाल में 21-22 नवंबर को संपन्न हुए पूर्वोत्तर विकास सम्मेलन में राज्य सरकार ने इसके गुण और व्यवसायिक फायदों को उद्यमियों के सामने गिनाया. इसी सम्मेलन में सरकार ने इस चावल से होने वाले आर्थिक लाभ के फायदों को गिनाते हुए प्राइवेट कंपनियों से भी आग्रह किया है कि वे पीपीपी मॉडल के जरिए प्रदेश में आकर इसका उत्पादन करें. 

मणिपुर में काले धान की पैदावार होती है, जिससे काला चावल निकलता है. मणिपुर सरकार के कृषि विभाग ने इसकी प्रजाति को उन्नत बनाते हुए इसमें औषधीय गुणों और पोषक तत्वों की प्रचुरता वाले काले धान की किस्म ईजाद की है. इससे निकलने वाला चावल सामान्य काले चावलों से ज्यादा गुणी है, इसलिए चाक हाओ की कीमत करीब 1800 रुपए प्रति किलो के आसपास है. अभी इसका व्यवसायिक उत्पादन उतना तेज नहीं हुआ है.

वैसे सामान्य काले चावल की बाजार में कीमत भी 150 से 200 रुपए किलो के आसपास है. मणिपुर कृषि विभाग के अनुसार 2015 के खरीफ सीजन के दौरान 60 से 70 हेक्टेयर खेत पर चाक हाओ की उपज हुई थी. राज्य सरकार ने इसकी खेती का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है. मिशन ऑर्गेनिक वेल्यू चेन, एनई के तहत वर्ष 2016 के खरीफ सीजन में प्रदेश सरकार ने किसानों को करीब 2000 हेक्टेयर में इसकी पैदावार के लिए प्रेरित किया है. सरकार को उम्मीद है कि इसकी मांग देश-दुनिया के बाजार में तेजी से बढ़ेगी. राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि देश-दुनिया में हमारे चावलों की मांग बढ़ रही है. 

यूं तो काले चावल को स्वास्थ्य के लिए सबसे लाभकारी माना जाता है. सफेद और भूरे चावल के मुकाबले काले चावल में विटामिन और खनिज तत्वों की प्रचुरता ज्यादा रहती है. एंथोसायनिन पाए जाने की वजह से इस चावल का रंग काला होता है जो कि इसमें एंटी ऑक्सिडेंट को बढ़ाता है. एंटी ऑक्सिडेंट हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है.

इस विशेष चावल में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा है. इसके अलावा इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की प्रचुरता सामान्य काले चावलों से भी ज्यादा है जबकि सामान्य काले चावल में यह तत्व सफेद और भूरे चावल से ज्यादा है.

मणिपुर सरकार ने दावा किया है कि तमाम शोधों के बाद यह प्रमाणित हुआ है कि इस काले चावल के खाने से गंभीर ऐथिरोस्क्लेरोसिस बीमारी, उच्च रक्तचाप, तनाव, उच्च कोलेस्ट्रॉल, आर्थराइटिस, कैंसर और एलर्जी सरीखी बीमारियों से पीड़ितों को बचाव एवं राहत प्रदान करता है. 

काला चावल मोटापा कम करने के लिए बेहद लाभदायक हैं. दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए भी ये सहायक है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं. साथ ही यह हृदय की धमनियों में अर्थ्रो स्क्लेरोसिस प्लेक फॉर्मेशन की संभावना कम करता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है. काले चावल में एंथोसायनिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक है. 

यह प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है. इनमें मौजूद विशेष एंटी ऑक्सीडेंट तत्व त्वचा व आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं. इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के साथ आंत की बीमारी को भी दूर करते हैं. 

English Summary: Do you know about this rice that sells 1800kg ...
Published on: 06 December 2017, 06:19 AM IST

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