खरगोन जिले के बिस्टान क्षेत्र के किसान श्री अविनाश दांगी ने किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए कृषि का आत्म-निर्भर मॉडल तैयार किया है. उनका यह मॉडल "मल्टी लेयर, मल्टी क्रॉप, फ्रूट फॉरेस्ट, फेमिली, फॉर्मिंग मॉडल" है, जिसे अपना कर उन्होंने अच्छा लाभ अर्जित किया है. इस मॉडल से किसान के साथ कृषि भूमि और पर्यावरण को सीधा लाभ मिलेगा.
इस मॉडल पर आधारित कृषि से पोषण तत्व और कीट प्रबंधन, सिंचाई जल का सदुपयोग, कम लागत से अधिक उत्पादन और समय की बचत हो सकेगी. परिवार की आवश्यकता के अनुसार जरूरी फसलों का उत्पादन एक ही स्थान पर हो सकेगा.
किसान श्री दांगी ने गत जून माह से अपनी एक हेक्टेयर कृषि भूमि में इस मॉडल के अनुसार खेती की शुरूआत की है. वे 70 तरह की फसल लेकर अभिनव प्रयोग कर रहे हैं. उनके खेत में अभी 18 तरह की सब्जियाँ, 32 प्रकार के फल और चार मसाला फसलें लगी हैं. ये फसलें 360 फीट लम्बी इक्कीस कतार में लगी है. उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग कर लगायी गयी एक फसल को दूसरी फसल से बेहतर उत्पादन के लिए सहयोग मिल रहा है.
श्री दांगी जून से दिसम्बर 2021 की अवधि में हरा धनिया, मूंगफली, उड़द, गेंदा फूल और स्वीट कार्न की फसल उपजा चुके हैं, जिससे उन्हें करीब एक लाख रूपये का लाभ मिला है. उनके मॉडल में कृषि भूमि पर कई कतार में एक परिवार की हर सीजन की जरूरत को ध्यान में रखकर फल, सब्जी, अनाज और दालें पैदा की जा रही हैं.
वर्तमान में मौसम के अनुकूल फसलें लगायी गयी हैं. ड्रिप और फ्लड सिंचाई का भी उपयोग किया जा रहा है.
फास्ट फूड में शामिल सब्जियों का भी हो रहा उत्पादन
कृषक श्री अविनाश द्वारा तैयार कृषि के आत्म-निर्भर मॉडल में फास्ट फूड में उपयोग में आने वाली सब्जियों का उत्पादन भी किया जा रहा है. उन्होंने अपने खेत में देश में पैदा होने वाली सब्जियों के साथ दक्षिण चीन और पूर्वी एशिया में पैदा होने वाली सब्जियों को भी उगाया है. इसमें ग्रीन और ब्लैक बॉकचोय, ग्रीन एवं रेड लेट्यूस, बाकला, बरबटी, ब्रोकली, फ्रेंच बीन्स, फूलगोभी, लाल एवं सफेद मूली, लाल एवं हरी पत्तागोभी, पर्पल एवं ऑरेंज फूलगोभी, पालक और मेथी की फसलें प्रमुख हैं. खेत में पपीता, सुरजना, केला, चार प्रजाति के सीताफल, सात प्रजाति के
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अमरूद, नारियल, मोसंबी, संतरा, आम, नींबू, कटहल, चीकू, अंजीर, लाल एवं हरा आँवला, जामुन, अनार, वाटर-एप्पल, लीची, चेरी, फालसा, काजू और रामफल के पौधे भी लगाए हैं.
अभी अरहर, चना, हल्दी और अदरक की फसल पकने की स्थिति पर है. इनके स्थान पर खीरा, करेला, धनिया, टमाटर, मूंग और औषधियों की फसल लगाने की तैयारी की जा रही है.