देश में रोजगार के एक बड़े साधन में कृषि क्षेत्र भी अपनी अहम भूमिका निभाता हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कृषि करने वाले किसानों पर टैक्स (tax on farmers) लगता है? ऐसे में आइये जानते हैं कि अगर किसानों पर टैक्स लगता है तो कितना और नहीं लगता तो क्यों नहीं लगता है?
किसानों पर कोई टैक्स नहीं लगता(no tax on farmers)
सबसे पहले तो आपको बता दें कि खेती से होने वाली इनकम पर कोई भी टैक्स सरकार नहीं लेती है. उल्टा किसानों के लिए सरकार कई सुविधाएं देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि जहां एक ओर अधिकतर लोग अपना जीवन यापन करने के लिए खेती पर निर्भर हैं तो वही पूरा देश भी खाने-पीने की चीजों के लिए किसानों पर ही निर्भर है. लेकिन किसानों से सरकार द्वारा टैक्स ना लेने की वजह से अब इसमें बड़ा हेरफेर होने लगा है. ऐसे में मोदी सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है.
अमीर किसानों पर टैक्स क्यों नहीं?(why no tax on rich farmers)
जैसा की हमने बताया कि भारत में खेती-बाड़ी से होने वाली इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता. लेकिन इस बीच एक सवाल सबके मन में जरूर उठता होगा कि चलो मान लिया की गरीब किसानों से टैक्स ना लेना तो समझ आता है, लेकिन ये बात समझ में नहीं पड़ती की अमीर किसानों की आय पर टैक्स क्यों नहीं लिया जाता? इन्हीं सवालों के जवाब में मोदी सरकार ने एक बड़ा एक्शन लिया है.
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किसानों को अब टैक्स में छूट पाना आसान नहीं(Now it is not easy for farmers to get tax exemption)
केंद्र सरकार अब कृषि से हुई आय दिखाकर कर छूट पाने वाले किसानों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. क्योंकि सरकार का मानना है कि कई लोग कृषि से अर्जित आय बताकर अपनी कंपनियों में टैक्स की छूट का लाभ ले रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए मजबूत फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है, जिससे वे किसी को भी चकमा नहीं दे सकेंगे. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ‘कृषि से होने वाली आय’ पर टैक्स में छूट देने से संबंधित मौजूदा तंत्र में कई खामियों की ओर इशारा किया.
क्या अब किसानों को भी देना होगा टैक्स? (Will farmers also have to pay tax now?)
सरकार ने संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) को जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को अब गहन आयकर जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा जिनकी कृषि से होने वाली सालाना आय 10 लाख रुपए से ज्यादा है.
लोक लेखा समिति ने संसद में कहा कि लगभग 22.5 प्रतिशत मामलों में, अधिकारियों ने दस्तावेजों के उचित मूल्यांकन और सत्यापन के बिना ही कृषि से अर्जित आय के मामले में कर-मुक्त दावों को मंजूरी दे दी, जिससे टैक्स चोरी की गुंजाइश बनी रही. ऐसे लोगों पर ही शिकंजा कसने की तैयारी मोदी सरकार कर रही हैं.