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Updated on: 30 May, 2022 12:15 PM IST
Delhi government gives direction to private school about school admission

भारत के संविधान में शिक्षा का अधिकार हर बच्चे को दिया गया है जिसके अंतर्गत उसको स्कूली शिक्षा देना राज्य की जिम्मेदारी होगीलेकिन यह जिम्मदारी कुछ राज्यों ने निभाई कुछ ने नहीं. लेकिन अगर हम दिल्ली की बात करें तो यहाँ पर राज्य सरकार ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.

आये दिन हमें शिक्षा को लेकर कुछ न कुछ नया -नया सुनने को मिलता रहता है. दिल्ली में एक नया फैसला देखने को मिला है. जो कि हमें अन्दर से खुश करता है. आज के इस लेख में एक ऐसे ही फैसले की बात करेंगे जिसमें राज्य सरकार ने बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने की पहल की है. आईये जानते हैं क्या है वह फैसला.

दिल्ली में ईडब्ल्यूएस/ आर्थिक वंचित वर्ग और अन्य दूसरी केटेगरी के बच्चों को शैक्षणिक सत्र 2022-23 में दाखिला देने को लेकर पिछले कुछ दिनों से  निजी स्कूलों के बारे में बहुत शिकायतें मिल रही थीं.

जिसको लेकर शिक्षा निदेशालय की निजी स्कूल शाखा के उप शिक्षा निदेशक योगेश पाल सिंह के द्वारा एक अच्छा फैसला लिया गया है.

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 जिसमें निजी स्कूलों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं  और कहा गया है कि ड्रॉ में चुने हुए  ईडब्ल्यूएस और अन्य दूसरी केटेगरी  के बच्चों को दाखिला देने से स्कूल मना नहीं कर सकते हैं.

साथ ही इस फैसले में छात्र के पते को लेकर भी स्कूलों को गाइडलाइन  जारी की गईं हैं. और बताया गया है कि नर्सरी कक्षा और पहली कक्षा के छात्रों के लिए एड्रेस(address) वेरिफिकेशन की जरुरत नहीं है और अगर कोई छात्र स्कूल से दूरी पर रहता तो उसे इसके आधार पर दाखिला लेने से नहीं रोका जा सकता है.

English Summary: Directorate Of Education nct delhi gives guidance about students admission.
Published on: 30 May 2022, 12:24 PM IST

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