वैसे तो भारत और अमेरिका के बीच बेशुमार फर्क है, लेकिन हम आपको अपनी इस आर्टिकल में भारत और अमेरिका के किसानों के बीच के फर्क के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर इन दोनों ही देशों के किसानों के बीच ऐसा क्या फर्क है, जिसके चलते एक ओर जहां अमेरिका के किसान आर्थिक तौर पर अत्याधिक समृद्ध हैं, तो वहीं हमारे देश के किसान बदहाली में ही अपना पूरा जीवन बिता देते हैं. एक ओर जहां अमेरिका के किसान आत्मनिर्भर हैं, तो वहीं भारत के किसान अभी भी धन प्राप्ति के लिए दूसरों पर आश्रित हैं. आइए नजर डालते हैं, उन सभी तथ्यों पर, जो इन दोनों ही देशों के किसानों के बीच के फर्क को बयां करते हैं-
शिक्षा का है बहुत फर्क
सर्वप्रथम दोनों देशों के किसानों के बीच मूल फर्क शिक्षा को लेकर है. एक ओर जहां अमेरिका के किसान कृषि करने के लिए शुरू से ही इसकी औपचारिक शिक्षा लेते हुए आए हैं. वहीं, हमारे यहां बिना किसी औपचारिक शिक्षा के ही कृषि करने का प्रचलन रहा, जिसके चलते यहां के किसान अपेक्षा के अनुरूप फसल नहीं उगा सके. हालांकि, अब हम भी कृषि शिक्षा के महत्व को मद्देनजर रखते हुए इस पर जोर दे रहे हैं. अब भारत के किसान भी कृषि करने से पहले इसकी औपचारिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका के किसान शुरू से ही खेती करने से पहले औपचारिक शिक्षा ग्रहण करते हुए आ रहे हैं, जिसके चलते वहां के किसान हमारी तुलना में अत्याधिक समृद्ध माने जाते हैं.
तकनीक
दूसरा सबसे बड़ा फर्क दोनों देशों के किसानों के बीच तकनीक को लेकर है. एक ओर जहां अमेरिका के किसान शुरू से ही खेती करने के लिए तकनीक का सहारा लेते हुए आए हैं, तो वहीं भारत के किसानों में तकनीक को लेकर शुरू से उतनी जागृति नहीं रही, जिसके चलते कहीं न कहीं हम अमेरिका से पीछे रह गए. अमेरिका के किसान तकनीक का सहारा लेकर बेहद ही अल्प समय में अत्याधिक मात्रा में फसल का उत्पादन कर लेते हैं. वहीं भारत के किसानों के बीच अभी भी तकनीक को लेकर उस स्तर का प्रचार प्रसार नहीं हो पाया है. हालांकि, अब भारत सरकार किसानों को तकनीक युक्त कर देना चाहती है, ताकि यहां के किसान भी उन्नत तकनीक का सहारा लेकर फसलों का उत्पादन कर सकें.
मौसम का मिजाज
भारत के किसानों को फसलों का उत्पादन करने हेतु मौसम के मिजाज पर निर्भर रहना पड़ता है. हमारे यहां के किसानों को फसलों का उत्पादन करने हेतु मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है. प्रकृति की स्थिति पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसके चलते हमारे यहां के किसान उचित समय पर ही फसलों का उत्पादन कर पाते हैं, मगर अमेरिका के किसानों के साथ ऐसा नहीं है बल्कि वो तो अपनी उन्नत तकनीक का सहारा लेकर मौसम के मिजाज को अपने अनुसार ढाल लेते हैं.