एएसएम फाउंडेशन (ASM Foundation) ने चंद्र शेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर, उत्तर प्रदेश के सहयोग से 28-31 मई, 2022 को "बागवानी के जलवायु लचीला और सतत विकास" (“Climate Resilient and Sustainable Development of Horticulture”) पर चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन में धानुका एग्रीटेक लिमिटेड गुरुग्राम (Dhanuka Agritech Limited Gurugram), जेआईएसएल जलगांव(JISL Jalgaon), सीएचएआई (CHAI), नई दिल्ली और टीएएएस (TAAS), नई दिल्ली के सहयोग से किया गया.
सीएसए (CSA) द्वारा गठित स्थानीय आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. डीआर सिंह, सीएसए के कुलपति(vice-chancellor) ने राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, दूसरी ओर आयोजन सचिव डॉ. करम हुसैन, सह-संगठन सचिव (Co-Organizing Secretary) डॉ. एके सिंह, और आयोजन संयुक्त सचिव डॉ. वाईपी मलिक व डॉ. वीके यादव, डॉ. एच.पी. सिंह, पूर्व उप महानिदेशक (horticulture), भाकृअनुप (ICAR) और अध्यक्ष, सीएचएआई, नई दिल्ली सलाहकार समिति के संयोजक थे.
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के उपाध्यक्ष Vice President (Head R&D) डॉ अजीत सिंह तोमर ने एक तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की: जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन और उत्पादन में स्थिरता के लिए संयंत्र स्वास्थ्य प्रबंधन और पर एक मुख्य प्रस्तुति दी "बागवानी में जलवायु-लचीला और टिकाऊ उत्पादन के लिए रणनीतियाँ फसल समाधान" (Strategies Crop Solutions for Climate-resilient and sustainable production in Horticulture).
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के चीफ मैनेजर मार्केटिंग (Chief Manager-Marketing) सुबोध कुमार गुप्ता ने "धानुका इनोवेटिव क्रॉप सॉल्यूशंस स्ट्रैटेजीज इन हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स" (“Dhanuka innovative Crop Solutions Strategies in Horticulture Crops”) पर अपनी नई 9 (3) उत्पाद श्रृंखला के परिणामों को साझा करते हुए प्रस्तुति दी, जैसे आलू की फसल के देर से झुलसने पर किराड़ी का परिणाम, प्याज की फसल पर वनकिल का परिणाम संकीर्ण और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों का एक-शॉट समाधान नियंत्रण, मिर्च की फसल के पाउडर फफूंदी पर निसोडियम परिणाम और ब्रांड कोनिका के रूप में फंगल और बैक्टीरियल रोगों पर नियंत्रण रखने वाला एक अनूठा उत्पाद.
सभी हितधारकों से मिलें बहुमूल्य इनपुट
नीतिगत ढांचे को विकसित करने और बागवानी (horticulture) की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए रणनीतिक सिफारिशों को विकसित करने के लिए ज्ञान साझा करने के माध्यम से सम्मेलन में सभी हितधारकों से मूल्यवान इनपुट थे. सम्मेलन में बागवानी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता पर जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभाव और विभिन्न तकनीकों के माध्यम से इन चुनौतियों को कैसे दूर किया जा सकता है, इसका भी विश्लेषण किया गया था। तदनुसार, सम्मेलन ने सतत विकास के लिए जलवायु लचीला बागवानी पर ज्ञान साझा करने के माध्यम से ग्रामीण विकास के लिए आजीविका की चुनौती को संबोधित किया.
350 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया भाग
सम्मेलन में किसानों सहित पूरे भारत में 350+ प्रतिनिधियों की भागीदारी देखी गई और जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. समापन समारोह में नवोन्मेषी किसानों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए "उद्यन रत्न पुरस्कार" (Udyan Ratna Award) प्रदान किया गया. फाउंडेशन किसानों को बाजार से जोड़ने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में उनके योगदान के अलावा, नवाचारों के माध्यम से खेतों की उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने में उनकी उपलब्धियों के लिए देश भर के किसानों को सम्मानित करता है.