RFOI Awards 2024: नीतूबेन पटेल के सिर सजा 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड का ताज: कृषि उद्यमिता और प्राकृतिक खेती में अद्वितीय योगदान की मिली मान्यता RFOI Awards 2024: युवराज परिहार को MFOI अवार्ड्स 2024 में मिला ‘फ़र्स्ट रनर-अप रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड MFOI Award 2024: भारत के प्रगतिशील किसानों का भव्य सम्मान समारोह, कार्यक्रम में सैकड़ों कृषकों ने लिया भाग केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 November, 2023 3:30 PM IST
दिल्ली में कराई जाएगी आर्टिफिशियल रेन . (Image Source: Freepik )

Artificial Rain in Delhi: दिल्ली में बढ़े हुए वायु प्रदूषण स्तर से निपटने के प्रयास में, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को घोषणा की कि शहर बढ़ते प्रदूषण स्तर से निपटने के उपाय के रूप में कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास करेगा. गोपाल राय ने बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ बैठक की. दिल्ली सरकार आईआईटी कानपुर से एक व्यापक प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए तैयार है, जिसे बाद में समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा.

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली में 20-21 नवंबर को बादल छाए रहने की संभावना है. वहीं, बैठक के बाद गोपाल राय ने संकेत दिया कि अगर 20-21 नवंबर को आसमान में बादल छाए रहे तो दिल्ली में कृत्रिम बारिश हो सकती है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कृत्रिम बारिश क्या है, प्रदूषण की स्थिति में कृत्रिम बारिश कराने के फायदे क्या होते हैं-

ये भी पढ़ें: इन महिलाओं को महिला सम्मान बचत पत्र योजना में नहीं मिलेगी छूट!

कृत्रिम बारिश क्या है?

कृत्रिम बारिश, जिसे क्लाउड सीडिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक मौसम में बदलाव की तकनीक है जिसका उद्देश्य बारिश करना होता है. इस प्रक्रिया में विमान या हेलीकॉप्टर का उपयोग करके बादलों में सिल्वर आयोडाइड या पोटेशियम आयोडाइड जैसे पदार्थों का छिड़काव किया जाता है. वहीं, क्लाउड सीडिंग की सफलता मौसम संबंधी स्थितियों पर निर्भर करती है, जिसमें नमी से भरे बादलों की उपस्थिति और उपयुक्त हवा के पैटर्न शामिल हैं.

कृत्रिम बारिश से प्रदूषण की स्थिति में फायदे

कृत्रिम बारिश कई तरह से प्रदूषण की स्थिति में मदद कर सकती है, जैसे-

  • वातावरण को साफ़ करना: क्लाउड सीडिंग के माध्यम से होने वाली बारिश की वजह से हवा से कण पदार्थ और प्रदूषकों को हटाने में मदद मिलती है. बारिश की बूंदें हवा में मौजूद कणों से चिपक जाती हैं और उन्हें वायुमंडल से बाहर निकाल देती हैं, जिससे हवा स्वच्छ हो जाती है.

  • वायुजनित प्रदूषकों में कमी: कृत्रिम बारिश धूल, धुएं और रसायनों सहित प्रदूषकों की सांद्रता को कम करने में मदद कर सकती है, उन्हें वायुमंडल से बाहर निकालकर जमीन पर पहुंचा सकती है.

  • स्मॉग और धुंध को कम करना: क्लाउड सीडिंग स्मॉग और धुंध को फैलने में मदद कर सकती है, जिससे हवा साफ और अधिक सांस लेने योग्य हो जाती है, जिसका शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

  • जंगल की आग को नियंत्रित करना: जंगल की आग की आशंका वाले क्षेत्रों में, क्लाउड सीडिंग का उपयोग बारिश को प्रेरित करने और आग बुझाने में मदद करने के लिए किया जा सकता है, जिससे वायुमंडल में धुएं और प्रदूषकों की रिहाई को रोका जा सकता है.

English Summary: Delhi Govt planning artificial rain over Delhi-NCR artificial rain how it could help solve air pollution issue
Published on: 09 November 2023, 03:35 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now