DAP UREA New Rate: आज की आधुनिक खेती में किसानों की फसलों के लिए सबसे जरूरी चीज खाद है. जी हां, वर्तमान समय के इस दौर में बिना खाद के फसल अच्छी तरह नहीं फलती-फूलती है, इसलिए खाद फसल बोवनी और बोवनी के बाद छिड़काव करने के लिए अति आवश्यक होता है. इसलिए किसान अधिक उत्पादन के लिए अपनी फसलों में खाद का इस्तेमाल करते हैं. अगर किसान फसल में खाद नहीं डालेंगे तो उनकी उपज भी अच्छी तरह नहीं होती है. ऐसे में अब खाद की महत्वता अधिक हो गई है. इसलिए हम आपको इस लेख के जरिए खाद के नए दाम के बारे में जानकारी देनें जा रहे हैं.
जहां देश में दिन पर दिन महंगाई की मार आम लोगों पर पड़ रही है तो वहीं अब महंगाई की मार देश के अन्नदाता किसान भाइयों पर भी पड़ी है. दरअसल, अंतराष्ट्रीय स्तर पर रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली है. खबरों की मानें तो केंद्र सरकार द्वारा डीएपी और यूरिया उर्वरकों के दाम में काफी इजाफा किया गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं खाद के नए दाम क्या हैं-
DAP और यूरिया का नया रेट लिस्ट 2023 (बिना सब्सिडी के)
यूरिया खाद की प्रति 45 किलोग्राम की बोरी की नई कीमत 2450 रुपए
DAP खाद की प्रति 50 किलोग्राम की बोरी की नई कीमत 4073 रुपए
NPK खाद की प्रति 50 किलोग्राम की बोरी की नई कीमत 3291 रुपए
DAP और यूरिया का नया रेट लिस्ट 2023 (सब्सिडी के साथ)
अगर कोई किसान डीएपी खाद की 45 किलोग्राम की बोरी खरीदता है तो उसे सब्सिडी के साथ 266 रुपये देने होंगे.
वहीं अगर कोई किसान DAP खाद की 50 किलोग्राम की बोरी खरीदता है तो उसे सब्सिडी के साथ ये बोरी 350 रुपए में मिल जायेगी.
NPK खाद प्रति 50 किलोग्राम किसानों को सब्सिडी के साथ 1470 रुपए में दिया जायेगा.
आपको यहां जानकारी के लिए बता दें कि किसानों के फसल बुवाई के लिए डीएपी खाद की आवश्यकता पड़ती है जबकि फसल बुवाई के बाद किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता होती है. क्योंकि यूरिया खाद के छिड़काव से ही फसल हरी भरी बनी रहती है और उसमें कीड़े भी नहीं लग पाते हैं.
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उर्वरक विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान यूरिया की बिक्री में पिछले वर्ष के इसी सात महीनों की तुलना में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इससे भी अधिक, 16.9 प्रतिशत, डीएपी की बिक्री में वृद्धि रही है. दूसरी ओर, अन्य सभी उर्वरकों की बिक्री में कमी आई है. इस आंकड़ें से आप समझ सकते हैं कि किसान भाई अपनी फसलों की रक्षा के लिए इन दिनों खाद का इस्तेमाल कितना अधिक कर रहे हैं.