Krishi Yantra Yojana: रोटावेटर और मल्टी क्रॉप थ्रेशर समेत इन 6 कृषि यंत्रों पर मिल रहा 50% तक अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ Dudharu Pashu Bima Yojana: दुधारू पशुओं का होगा बीमा, पशुपालकों को मिलेगी 75% सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया! PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 10 February, 2020 12:23 PM IST

जहां कोरोना वायरस की वजह से लोगों के जीवन में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं इसका असर स्पाइस (spice commodity) कमोडिटी पर भी देखने को मिल रहा है. चीन में फैले इस वायरस से भारत और चीन के बीच होने वाले जीरा के व्यापार पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा है. इसके साथ ही जीरा की कीमतों में भी भारी बदलाव देखने को मिला है.

आपको बता दें कि भारत का पड़ोसी देश चीन, भारतीय कृषि बाजार (Indian Agri-market) का एक अहम हिस्सा है. भारत से जीरा का सबसे बड़ा खरीददार चीन ही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बाजार में जीरा की कीमतों (jeera prices) में अचानक गिरावट देखने को मिली. दामों में 1,500 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गयी या यूँ भी कह सकते हैं कि एक महीने में 10 प्रतिशत के करीब यह गिरावट आयी है. रिपोर्ट्स की ही मानें तो मसाला कमोडिटी में अचानक गिरावट चीन में कोरोना वायरस (coronavirus) के प्रकोप की ही वजह से हुई है.

स्पाइस कमोडिटी पर अचानक मंदी

बिज़नेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में जीरा की कीमतें (cumin seeds price) ऊंझा बाजार (Unjha markets) में लगभग 14,500-14,600 प्रति क्विंटल रहीं. वहीं ये कीमत 15 जनवरी को 16,062 दर्ज की गयीं थीं.

NCDEX पर मार्च कॉन्ट्रैक्ट के लिए कीमत 13,830 प्रति क्विंटल पर, चार साल के निचले स्तर के करीब पहुंच गईं, जो कि 2016 में 13,060 प्रति क्विंटल पर रिकॉर्ड की गयीं थीं.

भारत के सबसे बड़े मसालों के निर्यातकों में से एक  Jabs International के निदेशक  शैलेश शाह ने बताया कि उत्पादन बढ़ने की वजह से यह उम्मीद थी कि चीन को लगभग 50,000 टन उत्पाद बेचा जाएगा. ऐसा भी माना जा रहा था कि चीनी मार्किट की मांग में भी बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है. वहीं कोरोनो वायरस निश्चित रूप से मांग में कमी का कारण बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर, चीनी अपने आदेश की गुणवत्ता को चुनने और उसके वेरिफ़िकेशन के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत आते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है. यात्रा प्रतिबंध और वायरस की आशंका के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है.

ये खबर भी पढ़ें:Novel CoronaVirus: कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा हुआ 100 के पार, जानिए लक्षण

English Summary: cumin seed prices get affected by coronavirus as per the commodity news reports
Published on: 10 February 2020, 12:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now