जीवन में सफलता हासिल करने के लिए जिन गुणों की आवश्यकता होती है. उनमें सबसे जरुरी होता है 'दृढ इच्छा शक्ति', क्योंकि दृढ़ इच्छा शक्ति व संकल्प के आगे पर्वत भी धराशायी हो जाते हैं. कुछ ऐसे ही दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत भोगपुर के दो किसानों ने सच कर दिखाया है. दरअसल खेती के अनुकूल जलवायु न होने के बाद भी अमेरिकी केसर की फसल तैयार कर उत्तर प्रदेश के दो किसान चुनिंदा किसान बन गए हैं. मीडिया में आई ख़बरों की मानें तो दोनों किसान अभी तक 7 से 8 किलोग्राम केसर अपने खेतो में उगा चुके हैं. किसानों ने जिस केसर की खेती की है.उसकी बाजार में कीमत 1.5 से 2.5 लाख रुपये प्रति किलो होती है.
दरअसल उत्तरप्रदेश के जनपद बिजनौर के नजीबाबाद क्षेत्र के गांव भोगपुर के किसान जगतार सिंह पुत्र हरबंस सिंह और गुरनाम सिंह पुत्र हरबेल सिंह ने अमेरिकी केसर की खेती कर कृषि क्षेत्र में ऐसी इबारत लिखी है जो आसपास के किसानों के लिए नज़ीर बन गया है. दोनों ही किसानों ने परंपरागत खेती के साथ ही बेशकीमती केसर (जाफरान) की खेती कर क्षेत्र के सभी किसानों को हैरत में डाल दिया है. खबरों के मुताबिक दोनों किसानों ने बताया कि 2 साल पहले प्रयोग के तौर पर उन्होंने कुछ ही पौधे केसर के उगाए थे. सफलता मिलने पर उन्होंने 2 बीघा भूमि पर केसर के पौधे लगाए. जिसमें उन्हें सफलता भी मिली. वे जिले और प्रदेश के चुनिंदा किसानों में से हैं, जिन्होंने केसर की फसल सफलता पूर्वक तैयार की है. दोनों किसान केसर तोड़ चुके हैं, इसे खेती की भाषा में चुंटाई कहा जाता है. अभी तक दोनों लगभग 7-8 किलोग्राम केसर तैयार कर चुके हैं.
दिल्ली-सहारनपुर के बाजार में बेचने की तैयारी
जगतार सिंह और गुरनाम सिंह का कहना है कि जिस केसर की हम खेती किए है उस केसर का मंडी में थोक रेट फिलहाल 1.5 से 2.5 लाख रुपये प्रति किलो के लगभग बताया जा रहा है. वह अब इस केसर की फसल को दिल्ली और सहारनपुर आदि के बाजारों में बेचने की तैयारी में हैं.