लॉकडाउन की मार झेल रहे असम के किसानों पर भारी बरसात आफत बनकर टूटा है. बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बरसात ने फसलों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. सबसे अधिक नुकसान दक्षिणी असम के खेतों एवं बागों को हुआ है. इसी तरह कछार एवं उसके आस-पास के जिलों में हजारों हेक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है.
348 से अधिक गांव जलमग्न
गौरतलब है कि असम के कई क्षेत्र पहले से ही बड़े पैमाने पर बाढ़ से जूझ रहे हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोलपारा, नागांव एवं होजाई के आस-पास के क्षेत्रों में 348 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं.
मक्के की फसल को अधिक नुकसान
सबसे अधिक नुकसान आलू, टमाटर एवं मक्का किसानों को हुआ है. तेज आंधी के साथ मूसलाधार बारिश ने इन फसलों को तहस-नहस कर दिया है. किसानों के मुताबिक बारिश के कारण खेत खलिहानों पर तैयार फसलें खराब हो गए हैं. इसी तरह पशुपालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
27 हजार हेक्टेयर फसलें खराब
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक लगभग किसानों की 27,000 हेक्टेयर फसलें खराब हुई है. हालांकि, बारिश का कहर फिलहाल कुछ कम हुआ है और अभी 11 की जगह 3 जिले खतरे में हैं.
मुख्यमंत्री ने दिए मदद के निर्देश
भारी बारिश और भूस्खलन से हुए हादसों को देखते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं. प्रभावित जिलों में अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भी युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है.
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