Mahindra Tractors ने अप्रैल 2024 में बेचे 37,039 ट्रैक्टर्स, निर्यात बिक्री में 23% की वृद्धि Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 5 March, 2020 5:50 PM IST

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मोदी सरकार की सफल योजनाओं में से एक है. किसान इस योजना के तहत अपने फसल का बीमा कराकर विभिन्न कारकों से हुई फ़सल बर्बादी (नुकसान) की भरपाई कर सकता है. सबसे पहले किसान अपनी फसल की सुरक्षा के बदले में कुछ राशि बीमा करने वाली कंपनी (बैंक) में जमा करता है. इस जमा हुई राशि को उस फसल का सेविंग एसेट प्रीमियम कहते है. जब कभी किसान की फसल का नुकसान विभिन्न कारकों से होता है तो कंपनी (बैंक) उसकी भरपाई के लिए किसान को कुछ राशि दे देती है. इसी राशि को रीफंडिंग प्रीमियम एसेट कहते हैं.

अब पीएम फसल बीमा के योजना के तहत किसानों द्वारा जमा की जाने वाले प्रीमियम राशि को बढ़ाया जा सकता है. एक सरकारी अधिकारी ने एक समाचार पत्र को बताया है कि नए फार्म इंश्योरेंस स्कीम में केंद्र सरकार कुछ बदलाव करने जा रही है. इसमें प्रीमियम बढ़ाया जाना एक मुख्य है. इस योजना की शुरुआत पीएम मोदी के पहले कार्यकाल 2016 में की गई थी. 

साल 2016 में फसल बीमा योजना उन किसानों के लिए अनिवार्य हो गया था जो लोन लेकर खेती करते थे. अगर मौजूदा समय की बात की जाए तो देश के कुल किसानों की संख्या का 58 प्रतिशत लोग लोन लेकर खेती करते हैं.

कीमत बढ़ने के कारण

समाचार पत्र से अपनी पहचान न बताने की शर्त पर दूसरी इंश्योरेंस कंपनी के  अधिकारी ने बताया है कि अब इस स्कीम को लोन लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए वैकल्पिक कर दिया चुका है जिससे इस स्कीम के तहत बीमा लेने वालों की संख्या में कमी आ सकती है. जिसके परिणाम स्वरूप इस फैसले को लिया जा रहा है.

एक ही कंपनी के पास है फसल बीमा की जिम्मेदारी

इस मौजूदा वक्त में फसल बीमा के 5 रडार हैं लेकिन अब नए नियम के तहत किसानों के लिए विकल्प खुल जाएंगे, किसान अपनी जरूरत के अनुसार से इसे चुन सकेगें. वर्तमान समय में फसल बीमा का लाइसेंस एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (AICIL) के पास है. AICIL के मुख्य प्रबंध निदेशक मलय कुमार पोदार ने बताया है कि वे सरकार के गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं. केवल इसी कंपनी ने इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDA) मंजूरी मांगी है ताकि कृषि क्षेत्र के अन्य वर्टिकल्स के लिए कुछ प्रोडक्ट्स उतारे जा सकें.

English Summary: crop Insurance premium may be change regarding pm fasal yojana
Published on: 05 March 2020, 05:52 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now