राजस्थान के गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 4140 गौशालाएं संचालित हैं. इनमें से 3043 पात्र गौशालाओं को राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया गया है. गोपालन मंत्री ने बताया कि मनोहर थाना विधानसभा क्षेत्र में स्थित 18 पात्र गौशालाओं को गत वर्ष 12.59 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया.
सरकार द्वारा यह अनुदान गौशालाओं में गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए दिया गया है. ऐसे में आइए राज्य सरकार की इस पहल के बारे में जानते हैं...
गौशालाओं को अनुदान देने में सरकार की भूमिका
राजस्थान सरकार गौशालाओं के संचालन में सहायता के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय मदद प्रदान कर रही है. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि गौशालाओं में रहने वाले गोवंश को उचित देखभाल, चारा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इसी के तहत पात्र गौशालाओं को अनुदान दिया जाता है.
गौशाला अनुदान के लिए पात्रता और लाभ
गोपालन मंत्री ने बताया कि गौशाला संचालकों को सरकारी नियमों के अनुसार पंजीकरण कराना आवश्यक होता है. पात्रता प्राप्त करने के बाद ही गौशालाओं को राज्य सरकार से अनुदान मिलता है. सरकार यह अनुदान गोवंश के संरक्षण और उनके उचित पोषण के लिए देती है.
सरकार की योजनाओं से गौशाला संचालकों को लाभ
राजस्थान में गोवंश के संरक्षण के लिए सरकार गौशाला अनुदान योजना, गोचर भूमि संरक्षण योजना, गो-आश्रय स्थल योजना जैसी विभिन्न योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का उद्देश्य गोवंश की सुरक्षा एवं उनके लिए बेहतर वातावरण तैयार करना है.
गौशाला संचालकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
- गौशालाओं को पंजीकरण कराना आवश्यक
- सरकारी मानकों के अनुरूप गौशाला संचालन जरूरी
- गौवंश की देखभाल एवं चारा व्यवस्था के लिए अनुदान दिया जाता है.
- राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.
राजस्थान सरकार का यह प्रयास गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देने और गौशालाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे गौशालाओं का संचालन सुचारू होगा और गोवंश को उचित देखभाल मिलेगी.